महाकुंभ 2025: प्रयागराज में स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने की गंगा स्नान की तैयारी

Laurene Powell Kumbh

महाकुंभ 2025, जो प्रयागराज में हो रहा है, दुनियाभर के श्रद्धालुओं और हस्तियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसी कड़ी में, एप्पल के दिवंगत को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स भी इस पवित्र आयोजन में भाग लेने के लिए सोमवार को प्रयागराज पहुंचीं। हालांकि, पहले दिन उन्हें एलर्जी की समस्या हो गई, लेकिन वह गंगा नदी में त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने की रस्म में शामिल होंगी।

पॉवेल जॉब्स को नया नाम ‘कमला’

आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि ने ANI को बताया,

“वह संगम में डुबकी लगाने की रस्म में भाग लेंगी। वह मेरे शिविर में आराम कर रही हैं।”

गिरि ने उन्हें ‘कमला’ नाम दिया और बताया कि वह 15 जनवरी तक निरंजनी अखाड़ा शिविर में कुंभ टेंट सिटी में रुकेंगी। इसके बाद वह 20 जनवरी को अमेरिका लौटेंगी, जहां नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगी।

महाकुंभ 2025 का महत्व

महाकुंभ का यह आयोजन इस बार खगोलीय दृष्टि से भी खास है, क्योंकि 144 साल बाद एक दुर्लभ योग बना है। इस पवित्र समागम का हिस्सा बनने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं।

संगम पर अमृत स्नान का शुभारंभ

  • मंगलवार को पहले अमृत स्नान के अवसर पर त्रिवेणी संगम पर करीब 3-4 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाने पहुंचे।
  • लेख लिखे जाने तक लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई।

सनातन धर्म के अखाड़े और उनकी परंपराएं

महाकुंभ में 13 अखाड़ों के साधु अपने क्रम के अनुसार त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाते हैं।

अखाड़ों के समूह:

  1. शैव अखाड़े (संन्यासी):
    • श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा।
    • श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी।
    • श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा।
  2. वैष्णव अखाड़े (बैरागी):
    • रामानंदी, निर्मोही, और अन्य।
  3. उदासीन अखाड़े:
    • इनके साधु संयम और तपस्या के लिए प्रसिद्ध हैं।

इन अखाड़ों की पवित्र डुबकी आध्यात्मिक ऊर्जा और परंपरा का प्रतीक मानी जाती है।

महाकुंभ 2025 की प्रमुख शाही स्नान तिथियां

महाकुंभ 2025, जो 26 फरवरी तक चलेगा, कई महत्वपूर्ण स्नान तिथियों के लिए प्रसिद्ध है।

प्रमुख तिथियां:

  1. 14 जनवरी: मकर संक्रांति (पहला स्नान)।
  2. 29 जनवरी: मौनी अमावस्या (दूसरा स्नान)।
  3. 3 फरवरी: बसंत पंचमी (तीसरा स्नान)।
  4. 12 फरवरी: माघी पूर्णिमा।
  5. 26 फरवरी: महाशिवरात्रि।

लॉरेन पॉवेल जॉब्स की आध्यात्मिक यात्रा

स्वामी कैलाशानंद गिरि के अनुसार,

“लॉरेन सरल स्वभाव की हैं और हमारी परंपरा के प्रति गहरी रुचि रखती हैं। उन्होंने पूजा में हिस्सा लिया और कुंभ की परंपराओं को नजदीक से समझा।”

गिरि ने यह भी बताया कि पॉवेल पहली बार इतनी भीड़भाड़ वाली जगह पर आई हैं, जिससे उन्हें हल्की एलर्जी हो गई। हालांकि, वह उत्साह से संगम में डुबकी लगाने की तैयारी कर रही हैं।

महाकुंभ: एक वैश्विक आकर्षण

महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता का उत्सव है। लॉरेन पॉवेल जॉब्स जैसी हस्तियों की उपस्थिति ने इसे एक वैश्विक समागम बना दिया है। यह आयोजन केवल सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए ही नहीं, बल्कि विश्वभर के लोगों के लिए भारतीय सभ्यता को समझने का एक अवसर प्रदान करता है।