महाकुंभ 2025: महाशिवरात्रि पर होगा अंतिम अमृत स्नान, भीड़ को लेकर रेलवे अलर्ट

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महाकुंभ मेला अब अपने समापन के करीब है। अब केवल 5-6 दिन बचे हैं। साथ ही शनिवार और रविवार के आने से श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। मेले के अंतिम दिनों में भीड़ बढ़ने की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे ने विशेष तैयारियां की हैं। तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि की संभावना को ध्यान में रखते हुए विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ‘होल्डिंग एरिया’ बनाए गए हैं। मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। गौरतलब है कि 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी।

 

अमृत ​​स्नान की तैयारियां

रेलवे ने भी महाशिवरात्रि के अमृत स्नान की तैयारियां कर ली हैं। उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर होल्डिंग क्षेत्र बनाए गए हैं। यह होल्डिंग क्षेत्र यात्रियों के प्रवाह को नियंत्रित करने और भीड़ को रोकने में मदद करने के लिए प्लेटफॉर्म के बाहर स्थित है।

स्टेशनों पर ‘होल्डिंग क्षेत्र’ बनाए गए

रेल मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे सुचारू और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सहयोग करें और आधिकारिक दिशानिर्देशों का पालन करें। मंत्रालय ने कहा कि रेलवे ने उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर ‘होल्डिंग एरिया’ स्थापित किए हैं। ये ‘होल्डिंग एरिया’ प्लेटफॉर्म के बाहर स्थापित किए गए हैं, जिससे यात्रियों को नियंत्रित करने और भीड़भाड़ को रोकने में मदद मिलेगी।

होल्डिंग क्षेत्र क्यों बनाए गए?

मंत्रालय ने कहा कि यात्रियों को केवल ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान समय पर ही प्लेटफॉर्म पर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य भीड़ प्रबंधन में सुधार करना और यात्री सुरक्षा बढ़ाना है। उत्तर रेलवे ने गाजियाबाद, आनंद विहार, नई दिल्ली, अयोध्या धाम और बनारस में बड़े पैमाने पर होल्डिंग क्षेत्र बनाए हैं। पूर्वोत्तर रेलवे ने बनारस, सीवान, बलिया, देवरिया, छपरा और गोरखपुर में ‘होल्डिंग एरिया’ भी बनाए हैं।

कुल संख्या 60 करोड़ तक पहुंच जाएगी।

गौरतलब है कि 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 55 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 26 फरवरी को अंतिम स्नान तक यह संख्या 60 करोड़ को पार कर जाने की उम्मीद है।