देश में पिछले कुछ महीनों से संविधान पर राजनीतिक बहस तेज है। इस मुद्दे पर विपक्ष के नैरेटिव का जवाब देने के लिए केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है। संसद में संविधान पर दो दिनों की बहस के बाद, सरकार ने संविधान के 75वें वर्ष को भव्य तरीके से मनाने की योजना बनाई है। इसी क्रम में, आगामी महाकुंभ 2025 में भी संविधान जागरूकता के लिए एक विशेष स्टॉल लगाया जाएगा।
यह स्टॉल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा स्थापित किया जाएगा, जिसमें संविधान और उससे जुड़ी जानकारी पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके माध्यम से सरकार समरसता, एकता और न्याय जैसे संवैधानिक मूल्यों को महाकुंभ के विशाल मंच पर प्रस्तुत करेगी।
संविधान स्टॉल: क्या होगा खास?
मंत्रालय ने महाकुंभ में संविधान के महत्व को समझाने के लिए एक शानदार पैविलियन तैयार किया है।
प्रमुख आकर्षण:
- संविधान की जानकारी:
- भारत के संविधान की प्रस्तावना और प्रमुख प्रावधानों पर जानकारी।
- संविधान निर्माण में योगदान देने वाले महापुरुषों की कहानियां।
- डिजिटल संसाधन:
- संविधान की ई-कॉपी उपलब्ध होगी, जिसे लोग पढ़ सकेंगे।
- एक डिजिटल फ्लिप बुक के माध्यम से सरल भाषा में संविधान की व्याख्या।
- पोस्टर और सामग्री:
- संविधान की प्रस्तावना और पहले पृष्ठ की प्रतियों वाले पोस्टर महाकुंभ परिसर में लगाए जाएंगे।
- साहित्य और पुस्तकें भी उपलब्ध रहेंगी, जिन्हें लोग खरीद सकते हैं।
केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का प्रदर्शन
महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को सरकार यह बताएगी कि उसने एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के कल्याण के लिए क्या कदम उठाए हैं।
अन्य गतिविधियां:
- क्विज प्रतियोगिता:
- लोगों को संविधान से जुड़े सवालों का जवाब देने का मौका मिलेगा।
- यह प्रतियोगिता संविधान को समझने और उससे जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी।
- सरकारी योजनाओं की जानकारी:
- कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सरकार की उपलब्धियां प्रस्तुत की जाएंगी।
महाकुंभ: समरसता और एकता का प्रतीक
मंत्रालय ने महाकुंभ को समरसता, एकता और न्याय की भावना से जोड़कर संविधान जागरूकता को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
- सरकार का कहना है कि महाकुंभ एक ऐसा मंच है जहां सामाजिक समरसता के संदेश को प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा सकता है।
- ऐसा पहली बार होगा कि महाकुंभ में संविधान को केंद्र में रखकर कोई स्टॉल लगाया जाएगा।
विपक्ष के प्रचार का जवाब
देश में पिछले कुछ समय से संविधान को लेकर राजनीति तेज हो गई है।
- सरकार का प्रयास:
- विपक्ष द्वारा सरकार को पिछड़ा विरोधी दिखाने के प्रयासों का मुकाबला करना।
- संविधान और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देकर इस प्रचार को चुनौती देना।
- महाकुंभ को अवसर के रूप में देखना:
- करोड़ों लोगों की उपस्थिति को सरकार संविधान और कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार के लिए एक मौका मान रही है।