Mahakumbh 2025: अब तीसरा अमृत स्नान कब होगा? जानें स्नान का शुभ मुहूर्त और नियम
महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज के पवित्र संगम पर हो रहा है, जहां करोड़ों श्रद्धालु अपनी आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं। इस अद्भुत आयोजन का सबसे खास आकर्षण है “अमृत स्नान”। महाकुंभ में अमृत स्नान का विशेष महत्व है, और इसे शुभ मुहूर्त में करना असीम पुण्य का कारक माना जाता है।
अब तक महाकुंभ के दो अमृत स्नान हो चुके हैं, और श्रद्धालुओं को बेसब्री से तीसरे अमृत स्नान का इंतजार है। इस लेख में हम आपको तीसरे अमृत स्नान की तारीख, शुभ मुहूर्त, और उससे जुड़े धार्मिक नियमों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
महाकुंभ में अमृत स्नान का महत्व
महाकुंभ के दौरान अमृत स्नान को सबसे पवित्र कर्म माना जाता है। यह स्नान उस अमृत से जुड़ा है जो समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न हुआ था। मान्यता है कि कुंभ के समय ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति के कारण पवित्र नदियों में स्नान करना अमृत का अनुभव दिलाता है।
- पापों से मुक्ति:
अमृत स्नान से पापों का नाश होता है। - मोक्ष की प्राप्ति:
इसे मोक्ष की प्राप्ति का सरल मार्ग माना गया है। - धर्म और अध्यात्म की अनुभूति:
अमृत स्नान का अनुभव व्यक्ति को आत्मिक शांति और धर्म की गहराई से जोड़ता है।
अब तीसरा अमृत स्नान कब होगा?
महाकुंभ 2025 के तीसरे अमृत स्नान की तिथि और शुभ मुहूर्त भारतीय ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। तीसरा अमृत स्नान 15 फरवरी 2025 को होगा।
शुभ मुहूर्त:
- सूर्योदय से पूर्व:
सुबह 4:00 बजे से 6:30 बजे तक। - मध्यकाल:
दिन 10:00 बजे से 12:30 बजे तक।
ज्योतिषियों के अनुसार, इस मुहूर्त के दौरान ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति सबसे शुभ मानी जाती है, और संगम में स्नान करने का विशेष महत्व है।
अमृत स्नान के दौरान क्या करें?
महाकुंभ में अमृत स्नान के दौरान कुछ विशेष धार्मिक परंपराओं का पालन करना अनिवार्य है।
- शुद्धता का ध्यान रखें:
स्नान से पहले मानसिक और शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखें। स्नान के लिए स्वच्छ वस्त्र पहनें। - मंत्रों का जाप करें:
स्नान करते समय “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ ह्रीं क्लीं नारायणाय नमः” का जाप करें। - दान-पुण्य करें:
स्नान के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें। - पवित्रता बनाए रखें:
कुंभ के क्षेत्र में शराब, तंबाकू और मांसाहार जैसे अपवित्र कर्मों से बचें।
अमृत स्नान से जुड़े नियम
महाकुंभ में स्नान के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
- नियम 1: केवल शुभ मुहूर्त में स्नान करें।
ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति के दौरान स्नान करने से पुण्यफल कई गुना बढ़ जाता है। - नियम 2: संगम का जल न छिड़कें।
पवित्र जल का सम्मान करें और इसे बर्बाद न करें। - नियम 3: अनुशासन बनाए रखें।
स्नान क्षेत्र में शांति और अनुशासन का पालन करें। - नियम 4: आस्था के साथ स्नान करें।
अमृत स्नान का महत्व तभी है जब इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाए।
महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था
महाकुंभ 2025 में भारी भीड़ के चलते प्रशासन ने विशेष सुरक्षा इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई उपाय किए गए हैं:
- डिजिटल रजिस्ट्रेशन:
अमृत स्नान के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। - सुरक्षा बलों की तैनाती:
पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। - मेडिकल सुविधा:
मेले में मेडिकल कैंप और एंबुलेंस सेवा 24 घंटे उपलब्ध है। - भीड़ प्रबंधन:
स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग समय स्लॉट बनाए गए हैं।
अमृत स्नान के लिए तैयारी कैसे करें?
यदि आप तीसरे अमृत स्नान में भाग लेना चाहते हैं, तो निम्नलिखित तैयारियां जरूर करें:
- समय पर पहुंचें:
स्नान के लिए समय पर घाट पहुंचना सुनिश्चित करें। - जरूरी सामान साथ रखें:
स्नान के लिए स्वच्छ वस्त्र, तौलिया और आवश्यक सामान साथ रखें। - शांत और धैर्यवान रहें:
भारी भीड़ के बीच धैर्य और अनुशासन बनाए रखें। - स्वास्थ्य का ध्यान रखें:
अपने साथ पानी की बोतल और हल्का भोजन रखें, ताकि भीड़ में असुविधा न हो।