महाकुंभ 2025: भगवान शिव की पूजा के साथ गुरुबाणी का पाठ

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दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक पर्व महाकुंभ 13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू होने जा रहा है. यह महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक यानी कुल 45 दिनों तक चलेगा. इस महाकुंभ में 45 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए सबसे बड़ा आकर्षण देश के 13 प्रमुख अखाड़े और उनके संत होंगे. श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा (हरिद्वार) इन्हीं प्रमुख अखाड़ों में से एक है। आज हम आपको इस अखाड़े के इतिहास, परंपराओं और संतों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

 

देशभर में 700 कैंप

श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा का मुख्य केंद्र कनखल, हरिद्वार में स्थित है। अखाड़े के सांप्रदायिक संबंध संदिग्ध हैं। इस अखाड़े में केवल उन्हीं संतों को शामिल किया जाता है जो छठी बख्शीश के श्री संगत देवजी की परंपरा का पालन करते हैं। इस अखाड़े के देशभर में 700 कैंप हैं. संतों के अनुसार श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा प्रारंभ में उसी बड़ा उदासीन अखाड़े में था, जिसकी स्थापना निर्वाण बाबा प्रीतमदास महाराज ने की थी। उदासीन आचार्य जगतगुरु चंद्रदेव महाराज इस विशाल उदासीन अखाड़े के मार्गदर्शक थे।