भोपाल, 21 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली स्थित भारत मंडपम में चल रहे 43वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्य प्रदेश मंडप आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मंडप में मेले की थीम ‘विकसित भारत@2047’ के अनुरूप प्राचीन सांस्कृतिक एवं कलात्मक धरोहर के साथ तेजी से विकसित होते मध्यप्रदेश के स्वरूप को प्रदर्शित किया गया है। मंडप में प्रदेश के विकास और समृद्धि के डिजिटल निरूपण के साथ ही प्रदेश के पर्यटन गंतव्य, जनजातीय एवं लोक-कला तथा स्थापत्य कला को मनमोहक तरीके से प्रदर्शित किया गया है।
विकास की तकनीकी झलक
जनसम्पर्क अधिकारी जकिया रूही ने गुरुवार को बताया कि मप्र मंडप में प्रवेश करते ही होलोग्राम आधारित विकास के चार स्तंभ दर्शाए गए हैं। अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए कांच के स्तंभों के भीतर होलोग्राम के माध्यम से युवा शक्ति, नारी शक्ति, गरीब कल्याण और किसान कल्याण मिशन प्रदर्शित किए गए हैं। ये चार स्तंभ आगंतुकों, विशेषकर युवाओं और बच्चों को काफी आकर्षित कर रहे हैं। डिजिटल इन्फोपैनल्स के माध्यम से प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और उद्योग वर्ष की परिकल्पनाओं को प्रमुखता से दर्शाया गया है।
विरासत और विकास के दर्शन
उन्होंने बताया कि मंडप के प्रवेश द्वार पर सांची स्तूप, ग्वालियर किला, खजुराहो की मूर्तिकला, चंदेरी द्वार और अमरकंटक कुंड दर्शाए गए हैं। मंडप की बाहरी हिस्से में प्रदेश की चार प्रमुख जनजातियां- गोंड, भील, सहारिया और बैगा के रहन-सहन और वेशभूषा की विस्तृत जानकारी दी गई है। मंडप के दूसरी ओर ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर पार्क, गांधी सागर डैम और रीवा अल्ट्रा-मेगा सौर ऊर्जा संयंत्र जैसी परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया है। मंडप के भीतरी हिस्से में ऊपर की ओर प्रदेश के प्रमुख गंतव्य स्थलों के पैनल्स लगाए गए हैं।
जीआई प्रदर्शनी
मंडप में प्रदेश के भौगोलिक संकेतक उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। प्रदर्शनी में चंदेरी साड़ी, वारासिवनी साड़ी, महेश्वरी साड़ी, बेलमैटल शिल्प, लौह-अयस्क शिल्प, जबलपुर पत्थर शिल्प, गोंड पेंटिंग्स, बाग प्रिंट्स, शरबती गेहूं, रतलाम सेंव, रियावन लहसुन, मुरैना गजक, उज्जैन बटिक प्रिंट, इंदौर के चमड़े के खिलौने, कड़कनाथ चिकन, सुंदरजा आम, चिन्नौर चावल और ग्वालियर के गलीचों को दिखाया गया है।
शासकीय विभागों और उपक्रमों के स्टॉल
मंडप में प्रदेश के शासकीय विभागों, निगम और मंडलों ने भी भाग लिया है। पर्यटन विभाग द्वारा वर्चुअल रियलिटी (VR) के माध्यम से आगंतुकों को खजुराहो, सांची, उज्जैन, मांडू, महेश्वर, जैसे पर्यटन स्थलों का आभासी अनुभव कराया जा रहा है। विभाग का डिजिटल टचस्क्रीन डैशबोर्ड आगंतुको को पर्यटन से संबंधित समस्त जानकारी उपलब्ध करा रहा है। गत 19 नवंबर को मेले में आयोजित मध्य प्रदेश दिवस समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पर्यटन विभाग को शासकीय श्रेणी में बेस्ट स्टॉल डिस्प्ले के पुरस्कार से सम्मानित किया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के स्टाल में ओडीओपी बिजनेस डायरेक्टरी का वितरण किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश माटीकला बोर्ड के स्टॉल में टैराकोटा से बने दिए, प्लांटर, खिलौनों और सजावटी वस्तुओं की बिक्री की जा रही है। मंडप में राजकुमार और पुष्पा प्रजापति माटीकला का सजीव प्रदर्शन कर रहे हैं और इनके स्टॉल में आगंतुक अपने हाथों से चाक चलाकर टैराकोटा बर्तन बनाने का अनुभव प्राप्त कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के स्टॉल में खादी वस्त्र, रेडीमेड कपड़े, शहद, शैंपू, सैनिटाइजर, इत्यादि उत्पादों तथा संत रविदास हस्तशिल्प और हस्तकला विकास निगम के स्टॉल में चंदेरी सूट, महेश्वरी साड़ी, मंदसौर और बटिक चादर, इत्यादि का प्रदर्शन और विक्रय किया जा रहा है। लघु उद्योग निगम के मृगनयनी एंपोरियम के स्टाल में चंदेरी, महेश्वरी और बाग प्रिंट्स के वस्त्रों और बेलमेटल कलाकृतियों का प्रदर्शन और विक्रय हो रहा है।