
मध्य प्रदेश को सड़क नेटवर्क के मामले में एक और बड़ी सौगात मिली है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश से गुजरने वाले नेशनल हाईवे-34 (NH-34) के एक महत्वपूर्ण हिस्से के उन्नयन की स्वीकृति दे दी है। इस फैसले से ना सिर्फ प्रदेश की सड़क कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी।
531.84 करोड़ की लागत से होगा हाईवे का कायाकल्प
नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि NH-34 का 63.50 किलोमीटर लंबा शाहगढ़-बक्सवाहा-नरसिंहगढ़-दमोह सेक्शन अब पेव्ड शोल्डर के साथ दो लेन में अपग्रेड किया जाएगा।
- इस परियोजना पर कुल 531.84 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
- इसके तहत 5 बड़े पुल, 4 बाईपास (बक्सवाहा, भटेरा, नरसिंहगढ़ और पिपरिया चंपत) और दमोह शहरी क्षेत्र में दोनों ओर 1.3 किमी की सर्विस/स्लिप रोड बनाई जाएगी।
NH-34: एक महत्वपूर्ण मार्ग
NH-34 केवल मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत के लिए भी एक रणनीतिक महत्व रखता है।
- यह हाईवे उत्तराखंड के गंगोत्री धाम को मध्य प्रदेश में NH-44 (उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर) के लखनादौन से जोड़ता है।
- इस प्रोजेक्ट से सड़क यातायात का दबाव कम होगा, यात्रा सुगम होगी और लॉजिस्टिक संचालन में तेजी आएगी।
लंबे समय से थी मांग
राज्य के नरसिंहपुर, सागर, दमोह और राजगढ़ जैसे जिले NH-34 के इस सेक्शन से जुड़े हैं।
- इन जिलों के नागरिक कई वर्षों से इस मार्ग के सुधार की मांग कर रहे थे।
- सड़क की खस्ता हालत के कारण यात्रियों को आए दिन जाम और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता था।
अब इस उन्नयन परियोजना के तहत:
- रास्ते चौड़े और सुरक्षित होंगे,
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच सुलभ यातायात उपलब्ध होगा,
- और अधोसंरचना विकास के नए रास्ते खुलेंगे।
बुंदेलखंड और महाकौशल को मिलेगा सीधा फायदा
इस सड़क परियोजना से खासकर बुंदेलखंड और महाकौशल अंचल के लोगों को बड़ा लाभ मिलने वाला है।
- व्यवसाय, कृषि और पर्यटन को नई गति मिलेगी।
- क्षेत्रीय उत्पादों की आवाजाही आसान होगी, जिससे स्थानीय बाजारों का विस्तार होगा।
- रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, क्योंकि निर्माण कार्यों और लॉजिस्टिक सुविधाओं की जरूरत बढ़ेगी।