नेशनल रैली को लंबे समय से नस्लवाद और यहूदी-विरोधी भावना से जोड़ा जाता रहा है और इसे फ्रांस के मुस्लिम समुदाय के प्रति शत्रुतापूर्ण माना जाता है। चुनाव परिणामों के बारे में पूर्वानुमानों के अनुसार, इस बार नेशनल रैली के जीतने की संभावना है।
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों।
फ्रांस में संसदीय चुनाव के पहले दौर के लिए रविवार को बड़े पैमाने पर मतदान हुआ। जिसके बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि नाजी दौर के बाद पहली बार सत्ता की बागडोर राष्ट्रवादी और अति दक्षिणपंथी ताकतों के हाथ में जा सकती है। दो चरणों में हो रहे संसदीय चुनाव 7 जुलाई को खत्म होंगे।
चुनाव परिणाम का यूरोपीय वित्तीय बाजारों, यूक्रेन के प्रति पश्चिमी समर्थन तथा फ्रांस के अपने वैश्विक सैन्य बल और परमाणु शस्त्रागार के प्रबंधन के दृष्टिकोण पर बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना है।
मैक्रों के नेतृत्व से निराश
फ्रांस के कई मतदाता महंगाई और आर्थिक चिंताओं से परेशान हैं। वे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नेतृत्व से भी निराश हैं। मरीन ले पेन की आव्रजन विरोधी नेशनल रैली पार्टी ने चुनाव में इस असंतोष का फायदा उठाया है और खास तौर पर टिकटॉक जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए इसे हवा दी है। चुनाव से पहले हुए सभी जनमत सर्वेक्षणों में नेशनल रैली की जीत की भविष्यवाणी की गई है।
एक नया वामपंथी गठबंधन, न्यू पॉपुलर फ्रंट, भी व्यापार समर्थक मैक्रों और उनके मध्यमार्गी गठबंधन, गैदर फॉर द रिपब्लिक के लिए चुनौती पेश कर रहा है।
पहले चरण का मतदान
दरअसल, फ्रांस में संसदीय चुनाव के लिए मतदान रविवार सुबह 8 बजे शुरू हुआ और चुनाव नतीजों के शुरुआती रुझान रात 8 बजे आने की उम्मीद है। मैक्रों ने इस साल जून की शुरुआत में यूरोपीय संसद के चुनावों में नेशनल रैली से मिली करारी हार के बाद फ्रांस में मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी।
राष्ट्रीय रैली की जीत की संभावना
नेशनल रैली को लंबे समय से नस्लवाद और यहूदी-विरोधी भावना से जोड़ा जाता रहा है और इसे फ्रांस के मुस्लिम समुदाय के प्रति शत्रुतापूर्ण माना जाता है। चुनाव परिणाम पूर्वानुमानों के अनुसार, नेशनल रैली के संसदीय चुनाव जीतने की संभावना है।
20 प्रतिशत अधिक वोट डाले गए
देश में 4.95 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं जो फ्रांसीसी संसद के प्रभावशाली निचले सदन नेशनल असेंबली के 577 सदस्यों का चुनाव करेंगे। मतदान समाप्त होने से तीन घंटे पहले 59 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह 2022 में पहले दौर के मतदान से 20 प्रतिशत अधिक है।