जालंधर : जालंधर से ऐतिहासिक स्थल गोविंदवाल साहिब तक अब भूमिगत पाइपलाइन के जरिए तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) की आपूर्ति की जाएगी। गोइंदवाल साहिब में पहले से ही एलपीजी बॉटलिंग प्लांट है, लेकिन एलपीजी का परिवहन बुलेट ट्रकों के माध्यम से किया जाता है। भूमिगत पाइपलाइन बिछाने के बाद एल.जी परिवहन की लागत समाप्त हो जायेगी तथा भारी बुलेट ट्रकों की दुर्घटना से क्षति की सम्भावना भी समाप्त हो जायेगी।
सुचिपिंड से गोइंदवाल साहिब तक भूमिगत पाइपलाइन बिछाने का काम जल्द ही शुरू होने वाला है, जिसके लिए सबसे पहले राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) के तहत जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। जालंधर जिला राजस्व अधिकारी नवदीप सिंह भोगल को भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
इंडियन ऑयल के पाइपलाइन डिवीजन से मिली जानकारी के मुताबिक गोइंदवाल साहिब तक भूमिगत पाइपलाइन की लंबाई करीब 80 किलोमीटर होगी और यह कपूरथला से होते हुए गोइंदवाल साहिब तक पहुंचेगी. लीकेज के कारण किसी भी संभावित दुर्घटना को रोकने के लिए हर 15 किमी पर एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जहां से वॉल्व के जरिए सप्लाई को नियंत्रित किया जाएगा. हालांकि, पूरी पाइपलाइन की निगरानी अत्याधुनिक उपकरणों से की जाएगी और किसी भी आपात स्थिति से पल भर में निपटा जा सकेगा। इसके अलावा इंडियन ऑयल की टीमें भी लगातार पाइपलाइन क्षेत्र की निगरानी कर रही हैं.