एक जनवरी 2025 को सरकारी तेल कंपनियां एलपीजी (Liquefied Petroleum Gas) की कीमतों की समीक्षा करेंगी और नए दामों का ऐलान करेंगी। हालांकि, भारत में एलपीजी की महंगाई अभी भी आम जनता के लिए एक बड़ी चिंता बनी हुई है। इसके विपरीत, रूस में एलपीजी की कीमतें दिसंबर 2024 में गिरकर आधी हो गई हैं। रूस में एलपीजी का उपयोग खाना पकाने से लेकर गाड़ियों, हीटिंग, और पेट्रोकेमिकल उत्पादन तक में होता है।
रूस में एलपीजी की कीमतों में भारी गिरावट
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2024 के मुकाबले दिसंबर 2024 में रूस में एलपीजी की कीमतों में 50% की कमी आई है।
- नवंबर 2024: एलपीजी की कीमत 28,000 रूबल्स थी।
- दिसंबर 2024: कीमत गिरकर 14,000 रूबल्स (लगभग $140) हो गई।
यह सीधे तौर पर कीमतों में आधी गिरावट को दर्शाता है।
कीमतों में गिरावट का कारण
रूस में एलपीजी की कीमतें घटने का मुख्य कारण यूरोपीय यूनियन के आर्थिक प्रतिबंध हैं।
- यूरोपीय प्रतिबंध:
- रूस, यूरोपीय देशों को बड़े पैमाने पर एलपीजी एक्सपोर्ट करता था।
- 20 दिसंबर 2024 से यूरोपीय यूनियन ने रूस के एलपीजी एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लागू कर दिया।
- पोलैंड की भूमिका:
- पोलैंड, रूस से एलपीजी का सबसे बड़ा आयातक था।
- पोलैंड ने रूस के एलपीजी एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया था।
- घरेलू बाजार में आपूर्ति:
- एक्सपोर्ट में कमी के चलते रूस के घरेलू बाजार में एलपीजी की आपूर्ति बढ़ गई, जिससे कीमतों में गिरावट आई।
रूस के नए एक्सपोर्ट मार्केट
यूरोप के विकल्प के तौर पर रूस ने अपने एलपीजी एक्सपोर्ट को अन्य देशों की ओर मोड़ दिया है।
- चीन, मंगोलिया, अर्मेनिया, जॉर्जिया, और अजरबैजान जैसे देशों को एक्सपोर्ट बढ़ा दिया गया है।
- चीन, रूस से एलपीजी आयात को बढ़ाने पर विचार कर रहा है।
क्या भारत रूस से एलपीजी आयात करेगा?
रूस के सस्ते एलपीजी एक्सपोर्ट को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या भारत भी एलपीजी आयात करेगा।
- भारत ने फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद सस्ते दामों पर रूस से कच्चा तेल आयात किया था।
- हालांकि, सस्ते कच्चे तेल का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा।
- अगर भारत रूस से एलपीजी आयात करता है, तो यह तेल कंपनियों की आर्थिक स्थिति को सुधार सकता है, लेकिन आम जनता तक सस्ते एलपीजी सिलेंडर पहुंचने में अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है।
भारत में एलपीजी की मौजूदा स्थिति
भारत में एलपीजी की बढ़ती कीमतें उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।
- घरेलू सिलेंडर की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
- उद्योग जगत और आम उपभोक्ता, दोनों ही महंगाई से प्रभावित हैं।