भगवान कृष्ण का सबसे प्रिय महीना 'मार्गशीर्ष' शुरू, जानें क्यों है यह इतना खास और इस महीने क्या करें

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कार्तिक पूर्णिमा के साथ आज कार्तिक का पवित्र महीना समाप्त हो गया है और कल यानी 6 नवंबर से मार्गशीर्ष माह शुरू हो रहा है। इसे गांवों में प्रवेश का महीना भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में इस महीने को बेहद खास और शुभ माना जाता है, क्योंकि इस महीने का सीधा संबंध भगवान श्री कृष्ण से है।

कहते हैं कि यह महीना भगवान कृष्ण को इतना प्रिय है कि उन्होंने स्वयं गीता में कहा था, "मैं महीनों में मार्गशीर्ष हूं।" इसी वजह से इस महीने में की गई भक्ति और पूजा-पाठ का फल कई गुना होकर मिलता है। यह वह समय है जब शादी-विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए भी उत्तम मुहूर्त होते हैं।

मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत कब से?

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की पहली तिथि (प्रतिपदा) 5 नवंबर की शाम 6:48 बजे से शुरू हो जाएगी, जो 6 नवंबर, गुरुवार की दोपहर 2:54 बजे तक रहेगी। हिंदू धर्म में सूर्योदय की तिथि को ही पूरे दिन के लिए माना जाता है, इसलिए मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत 6 नवंबर, गुरुवार से होगी।

क्यों है यह महीना इतना महत्वपूर्ण?

  • भगवान कृष्ण का स्वरूप: यह महीना साक्षात भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने में सच्चे मन से मुरलीधर की पूजा करने से वे भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं और उनके सारे कष्ट हर लेते हैं।
  • घर से दूर होती है नकारात्मकता: ऐसी मान्यता है कि इस महीने में अगर शंख में पवित्र जल भरकर भगवान कृष्ण को स्नान कराया जाए और फिर उस जल को पूरे घर में छिड़का जाए, तो घर से हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियां दूर हो जाती हैं।
  • इसी महीने हुआ गीता का जन्म: दुनिया को जीवन का सार सिखाने वाली 'श्रीमद्भगवद्गीता' का ज्ञान भगवान कृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को इसी महीने में दिया था। इसीलिए मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को 'गीता जयंती' के रूप में मनाया जाता है।

इस महीने में क्या करें और क्या न करें?

इस पवित्र महीने में भगवान कृष्ण की कृपा पाने के लिए कुछ आसान नियमों का पालन करना बहुत फलदायी माना गया है:

  1. यमुना में स्नान: अगर संभव हो, तो इस महीने में यमुना नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान कृष्ण की विशेष कृपा मिलती है।
  2. गीता का पाठ: घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा के लिए इस पूरे महीने गीता का पाठ करना या सुनना बहुत शुभ होता है।
  3. तुलसी अर्पित करें: भगवान कृष्ण और विष्णु जी की पूजा में उन्हें तुलसी के पत्ते जरूर चढ़ाएं। तुलसी के बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है।
  4. इस मंत्र का जाप करें: पूरे महीने "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करते रहें। यह एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है, जो हर काम में सफलता दिलाता है।

यह महीना भक्ति और श्रद्धा के जरिए भगवान कृष्ण के करीब आने का सबसे अच्छा अवसर है।

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