भ्रष्टाचार-रोधी संस्था लोकपाल ने पूर्व Chief Justice of India (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर एक शिकायत का निपटारा करते हुए इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर करार दिया है। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है कि 18 अक्टूबर, 2024 को तत्कालीन CJI चंद्रचूड़ के खिलाफ एक नेता और राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने और उन्हें बचाने के आरोपों के साथ शिकायत दी गई थी। चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे।
लोकपाल ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि क्या पद संभाल रहे किसी प्रधान न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम की धारा 14 के तहत उसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इसके बाद, उसने शिकायत में लगाए गए विभिन्न आरोपों पर विस्तार से चर्चा करने से बचने का निर्णय लिया।
आदेश में कहा गया है, ”हम इस शिकायत को अधिकार क्षेत्र से बाहर मानते हैं।” लोकपाल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और अन्य सदस्यों द्वारा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि शिकायतकर्ता कानून के तहत अन्य उपायों को अपनाने के लिए स्वतंत्र है।
आदेश में यह उल्लेख किया गया है कि लोकपाल अधिनियम की धारा 14 के तहत विभिन्न प्रावधानों की जांच की गई है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि न्यायाधीशों को लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में नहीं रखा जा सकता है। यह निष्कर्ष निकालते हुए कि भारत का उच्चतम न्यायालय ‘संसद के अधिनियम’ द्वारा स्थापित नहीं है, लोकपाल ने कहा कि इस कारण से CJI चंद्रचूड़ या उच्चतम न्यायालय के किसी अन्य न्यायाधीश के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती।
इस प्रकार, यह आदेश पूर्व CJI चंद्रचूड़ के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है, जिसमें उनकी न्यायिक भूमिका और अधिकार क्षेत्र को ध्यान में रखा गया है।