लोकसभा: बीजेपी उम्मीदवार भीखाजी ठाकोर साबरकांठा सीट से नहीं लड़ेंगे चुनाव, एक दिन में दो बड़े मोड़

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लोकसभा: गुजरात में बीजेपी के एक ही दिन में दो बड़े उलटफेर सामने आए हैं. वडोदरा से सांसद रंजनबेन भट्ट ने आज चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई है, इसके बाद साबरकांठा से भी एक और बड़ी खबर सामने आई है. भीखाजी ठाकोर ने भी साबरकांठा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने में अनिच्छा जताई है. 

गुजरात में लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है, भीखाजी ठाकोर साबरकांठा सीट पर चुनाव नहीं लड़ेंगी, ऐसे में गुजरात के वडोदरा में रंजनबेन भट्ट और साबरकांठा से भीखाजी ठाकोर ने चुनाव लड़ने में अनिच्छा दिखाई है. खास बात है कि साबरकांठा सीट से भीखीजी दुधाजी ठाकोर के सरनेम को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, सोशल मीडिया पोस्ट पर वायरल स्टोरी में खुलासा हुआ कि भीखीजी ठाकोर दामोर से ठाकोर थे.

इससे पहले साबरकांठा में शुरू हुआ ‘पत्रिका वॉर’, बीजेपी के भीखाजी ठाकोर ने बदला अपना सरनेम? विरोध इस बात का है कि उन्हें डामोर से बाहर कर दिया गया

साबरकांठा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार को लेकर उपजा विवाद अब धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. बीजेपी ने अपनी दूसरी सूची में सात नामों की घोषणा की, जिसमें बीजेपी ने साबरकांठा सीट से भीखाजी दुधाजी ठाकोर को अपना उम्मीदवार बनाया, हालांकि, मतगणना के कुछ ही घंटों के भीतर पूरे निर्वाचन क्षेत्र में भीखाजी दुधाजी ठाकोर के उपनाम को लेकर अफवाहों के साथ विवाद शुरू हो गया. सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि भीखाजी ठाकोर की जगह दामोर ने ले ली है अब इस मामले में विवाद और गहरा गया है, सोशल मीडिया पर पर्चा वार शुरू हो गया है, जिसमें प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को संबोधित एक पर्चा वायरल हो रहा है.

साबरकांठा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के सरनेम को लेकर विवाद तेज हो गया है, साबरकांठा सीट पर बहुमत वाले ठाकोर समाज के नाम पर एक पर्चा वायरल हो रहा है, जिसमें भीखाजी के सरनेम को लेकर विवाद है. फिलहाल साबरकांठा के बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ ये पर्चा युद्ध जोरों पर शुरू हो गया है. इस पर्चे में भीखाजी के उपनाम के बारे में कहा जा रहा है कि भीखाजी डामोर ने अपनी जाति बदल ली है और वे डामोर से ठाकोर बन गये हैं. इस विवाद को लेकर पूरी बैठक में विरोध के स्वर उठे. अरावली और साबरकांठा के ठाकोर समाज के नाम से यह पर्चा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को संबोधित है. 

भाजपा ने साबरकांठा जिले में दो कार्यकाल के बाद अपना लोकसभा उम्मीदवार बदला है, इससे पहले दीप सिंह राठौड़ यहां से निर्वाचित हुए थे। हालांकि, इस बार बीजेपी ने पिछले हफ्ते घोषित अपनी दूसरी सूची में भीखाजी ठाकोर को मैदान में उतारा है. भीखाजी ठाकोर के नाम की घोषणा होते ही सोशल मीडिया व्हाट्सएप पर भीखाजी ठाकोर के उपनाम को लेकर विवाद शुरू हो गया, जिसमें उन्हें भीखाजी डामोर के रूप में दिखाया गया था. 

साबरकांठा सीट से बीजेपी उम्मीदवार भीखाजी ठाकोर को लेकर एक पोस्ट व्हाट्सएप पर वायरल हो रही थी, जिसमें दिखाया गया था कि भीखाजी काफी समय पहले उपनाम डामोर लिखते थे और पिछले कुछ समय से वह ठाकोर उपनाम लिख रहे हैं, इस पर विवाद हो गया. इसे लेकर सोशल मीडिया पर…

लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार भीखाजी ठाकोर ने सोशल मीडिया पर साबरकांठा जिले की लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा कर अपनी उपजाति को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है. पिछले वर्ष भीखाजी ठाकोर अपने उपनाम के रूप में भीखाजी डामोर लिखते थे और उसके बाद वह ठाकोर उपनाम लिख रहे हैं जिसके साथ उनकी उम्मीदवारी 

साबरकांठा लोकसभा बीजेपी उम्मीदवार भीखाजी ठाकोर ने क्या खुलासा किया- 
भारतीय जनता पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवार भीखाजी ठाकोर ने अपने उपनाम, जाति और उपजाति के बारे में खुलासा किया है. कल हिम्मतनगर के सर्किट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संदेश को समझाते हुए, भीखाजी ठाकोर ने कहा, “मैं ठाकोर समुदाय से हूं, और भारतीय जनता पार्टी के ओबीसी मोर्चे के विभिन्न पदों पर भी काम कर चुका हूं।” राज्य स्तर पर सामाजिक संगठनों में सेवा देने के साथ-साथ यह भी पता चला है कि इतना ही नहीं, बल्कि ठाकोर समुदाय 50,000 से अधिक मतदाताओं का भी दावा करता है जो उपनाम डामोर लिखते हैं। एलेक्टाटन ने विपक्ष द्वारा किये जा रहे इस दुष्प्रचार की भी बात कही.