हजारों करोड़ खर्च के बावजूद महाकुंभ में अव्यवस्था पर उठे सवाल: स्थानीय लोग घरों में कैद

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में शामिल होने के लिए लोगों में उत्साह इतना बढ़ गया है कि प्रयागराज की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर कई किलोमीटर तक जाम लग गया। कुछ दावों के मुताबिक, 48 घंटे तक करीब 300 किलोमीटर तक जाम लगा रहा, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर ट्रैफिक जाम की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करते हुए इसे दुनिया का सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम बताया। रविवार से सोमवार तक हजारों लोगों को अपने वाहनों में ही रात बिताने को मजबूर होना पड़ा।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, वहीं चक्का जाम का असर इतना व्यापक रहा कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के कई जिलों में भी वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में पुलिस ने घोषणा की है कि सोमवार तक यातायात जाम रहेगा। रीवा, मैहर, जबलपुर और कटनी जिलों की सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। जबकि प्रयागराज के आसपास की सभी सड़कें जाम हो गईं। वाराणसी, लखनऊ, कानपुर से लेकर अयोध्या तक वाहनों की कतारें लगी रहीं। आसपास की सभी सड़कों पर भारी भीड़ के कारण प्रयागराज में रहने वाले लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और उन्हें घंटों घरों के अंदर रहने को मजबूर होना पड़ा। 

महाकुंभ जाने वाले लोग वाराणसी भी जा रहे हैं, जिससे इस धार्मिक नगरी में भी यातायात की गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है। भारी भीड़ के कारण वाराणसी में कार, बस व अन्य चौपहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, जिसे 12 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। इससे पहले, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मौनी अमावस्या के शाही स्नान में लाखों लोगों ने भाग लिया था, जिसके परिणामस्वरूप भगदड़ मच गई थी जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई थी। अब 12 तारीख को माघ पूर्णिमा पर लाखों लोग शाही स्नान करेंगे, जिसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन एक बार फिर सतर्क हो गया है। केंद्रीय रेल मंत्री ने दावा किया है कि महाकुंभ में भारी भीड़ को देखते हुए आठ रेलवे स्टेशनों को अलर्ट पर रखा गया है। संगम क्षेत्र के आसपास के रेलवे स्टेशनों पर 13 हजार रेलवे कर्मियों को तैनात किया गया है और रविवार को प्रयागराज के लिए 330 ट्रेनों से 12.5 लाख तीर्थयात्री उतारे गए। भारी यातायात के कारण रेलवे स्टेशन को कुछ समय के लिए बंद करने की घोषणा की गई है। सोमवार को 10 लाख से अधिक कल्पवासियों और 82 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने संगम पर स्नान किया। दोपहर दो बजे तक यह संख्या एक करोड़ तक पहुंच गई। आंकड़ों के अनुसार महाकुंभ शुरू होने से अब तक 43.57 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। प्रयागराज के लोग परेशान हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्होंने पहले भी कई महाकुंभ देखे हैं, लेकिन इतनी बड़ी ट्रैफिक समस्या नहीं देखी। अगर उन्हें एक किलोमीटर भी जाना हो तो उन्हें आठ किलोमीटर जाना पड़ता है। सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संगम में स्नान किया। एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया, जिसके बाद राष्ट्रपति संगम घाट पहुंचे और डुबकी लगाई।

कुंभ पर 10,000 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद खराब प्रबंधन पर सवाल बरकरार

प्रयागराज: महाकुंभ की शुरुआत से अब तक करोड़ों लोग स्नान कर चुके हैं, जिनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार महाकुंभ में अब तक 12 बच्चों का जन्म हो चुका है। इन बच्चों का जन्म कुंभ में स्थापित केंद्रीय अस्पताल में हुआ। अस्पताल के मुख्य चिकित्सक मनोज कौशिक ने बताया कि सभी बच्चों का प्रसव सामान्य था तथा कुंभ में जन्मे बच्चों को धार्मिक नाम भी दिए जा रहे हैं। रविवार 12 तारीख को नेहा सिंह नाम की महिला ने अस्पताल में इस बच्चे को जन्म दिया और उसका नाम कुंभ रखा गया है। कुछ बच्चों के नाम भोलेनाथ, बजरंगी, नंदी, जमुना आदि रखे गए हैं। वसंत पंचमी के दिन दो बच्चे पैदा हुए, एक लड़की और एक लड़का। लड़की का नाम वासंती और लड़के का नाम वसंत रखा गया। 

महाकुंभ में आने वाले लोगों को भारी ट्रैफिक के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही प्रयागराज के निवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति के बीच, ट्रैफिक जाम के कारण विपक्षी समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश ने सवाल किया कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर व्यवस्था पर 10,000 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा कर रही हैं, लेकिन ऐसी व्यवस्था क्यों? लोग अपने घरों में रह रहे हैं। यह जानते हुए भी कि लोग बड़ी संख्या में आ रहे हैं, सेना की मदद क्यों नहीं ली गई? यदि समय पर सेना बुला ली गई होती तो इतनी अधिक यातायात समस्या नहीं होती।

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