FD पर लोन: क्या आपको फिक्स्ड डिपॉजिट पर लोन लेना चाहिए या नहीं, जानिए फायदे और जोखिम
एफडी पर लोन: फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) भारत में सबसे लोकप्रिय और सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक है। लेकिन जब वित्तीय ज़रूरत पड़ती है, तो दो मुख्य विकल्प होते हैं: एफडी तोड़ देना या उस पर लोन लेना। यह फैसला लेने से पहले, इसके फायदे और जोखिम को समझना ज़रूरी है। इस लेख में, हम आपको फिक्स्ड डिपॉजिट पर लोन लेने के फायदे, जोखिम और ध्यान रखने योग्य बातों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
सावधि जमा पर ऋण क्या है?
फिक्स्ड डिपॉज़िट पर लोन एक सुरक्षित लोन होता है, जिसमें आप अपनी FD को गिरवी रखकर बैंक से पैसे उधार ले सकते हैं। लोन की राशि आमतौर पर FD के मूल्य के 70% से 90% तक होती है, जो बैंक की नीतियों पर निर्भर करता है। इस लोन की ब्याज दर FD की ब्याज दर से 1-2% ज़्यादा होती है, जो पर्सनल लोन से काफ़ी कम है।
लाभ: FD पर ऋण क्यों लें?
FD तोड़ने की ज़रूरत नहीं: FD पर लोन लेने से आपका निवेश बरकरार रहता है और आप मैच्योरिटी तक ब्याज भी कमा सकते हैं। इससे आपकी लंबी अवधि की वित्तीय योजना पर कोई असर नहीं पड़ता।
कम ब्याज दर: FD पर मिलने वाले लोन की ब्याज दर पर्सनल लोन (10-15%) की तुलना में काफ़ी कम होती है, आमतौर पर लगभग 7-9%। इससे लोन की लागत कम हो जाती है।
तीव्र एवं औसत प्रक्रिया: चूंकि यह एक सुरक्षित ऋण है, इसलिए बैंकों को आय प्रमाण या क्रेडिट स्कोर की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे ऋण स्वीकृति तीव्र हो जाती है।
लचीला पुनर्भुगतान: ऋण पुनर्भुगतान ओवरड्राफ्ट या टर्म लोन के रूप में किया जा सकता है। ओवरड्राफ्ट में, आप अपनी आवश्यकतानुसार पैसा निकाल सकते हैं और आपको केवल उपयोग की गई राशि पर ही ब्याज देना होता है।
कोई पूर्वभुगतान जुर्माना नहीं: अधिकांश बैंक एफडी पर ऋण की शीघ्र चुकौती के लिए कोई शुल्क नहीं लेते हैं, जो अन्य ऋणों की तुलना में लाभप्रद है।
जोखिम: किन बातों का ध्यान रखें?
अतिरिक्त ब्याज लागत: भले ही लोन पर ब्याज दर कम हो, लेकिन यह FD पर ब्याज दर से ज़्यादा होती है। इससे आपका शुद्ध रिटर्न कम हो सकता है।
डिफ़ॉल्ट का जोखिम: यदि आप ऋण चुकाने में विफल रहते हैं, तो बैंक आपकी एफडी से राशि वसूल सकता है, जिससे आपका निवेश नष्ट हो सकता है।
सीमित ऋण राशि: ऋण राशि एफडी मूल्य के 90% तक सीमित है, जो बड़ी वित्तीय आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती है।
कोई कर लाभ नहीं: एफडी तोड़ने पर कोई कर लाभ नहीं मिलता, लेकिन ऋण चुकाने पर भी कोई कर लाभ नहीं मिलता।
एफडी पर लोन कब लें?
अल्पकालिक वित्तीय आवश्यकता: यदि आपको कुछ महीनों के लिए धन की आवश्यकता है और आप पुनर्भुगतान के बारे में आश्वस्त हैं, तो एफडी पर ऋण लेना सबसे अच्छा विकल्प है।
उच्च ब्याज दर वाली एफडी: यदि आपकी एफडी उच्च ब्याज दर पर बुक की गई है, जो प्रचलित दरों से अधिक है, तो इसे तोड़ने के बजाय ऋण लेना बेहतर है।
परिपक्वता निकट: यदि एफडी की परिपक्वता निकट है, तो इसे तोड़ने पर जुर्माना लगता है और ब्याज भी कम होता है, इसलिए ऋण लेना अधिक फायदेमंद होता है।
एफडी कब तोड़ें?
दीर्घकालिक संकट: यदि आप ऋण चुकौती के बारे में निश्चित नहीं हैं, जैसे कि नौकरी छूटना या चिकित्सा संबंधी आपातस्थिति, तो एफडी तोड़ना अधिक व्यावहारिक हो सकता है।
कम जुर्माना: यदि एफडी का जुर्माना कम है या परिपक्वता बहुत दूर है, तो एफडी तोड़ना बेहतर हो सकता है।
क्या सावधानी रखें?
लोन लेने से पहले अपनी पुनर्भुगतान क्षमता की जाँच कर लें। हर बैंक की लोन की शर्तें अलग-अलग होती हैं, जैसे लोन की राशि, ब्याज दर और पुनर्भुगतान अवधि। अपने दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लें।
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