धमतरी, 10 सितंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग रायपुर की अध्यक्ष किरणमयी नायक आज मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय धमतरी के सभाकक्ष में कई मामलों की सुनवाई की। एक शिक्षिका युवती और एक पुलिस आरक्षक के 10-12 सालों के लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी से इंकार वाले मामले की सुनवाई पूरी की। इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग रायपुर की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप भरोसा नहीं, बेवकूफी है। युवतियां संभल जाएं।
उन्होंने आगे कहा कि अब सुप्रीमकोर्ट के नया आदेश के तहत यदि बालिग युवक व युवती लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं और शादी से इंकार किया या धोखा दिया, तो अब पुलिस में धारा 376 दर्ज नहीं हो पाएगा, ऐसे में युवतियों को जागरूक होना जरूरी है। चूंकि दोनों का मामला न्यायालय में विचाराधीन है, ऐसे में उनकी शिकायत को नस्तीबद्ध किया। कुरूद ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत डांडेसरा में महिला सरपंच का कार्य उसके देवर द्वारा करने के मामले पर उन्होंने महिला सरपंच को समझाईश देते हुए कहा कि महिला आरक्षण पर सरपंच पद मिला है, तो पूरा काम व निर्णय तुम्हें लेना है। पति व देवर काम नहीं कर सकता। इसी तरह ग्राम पंचायत बकली में साहू समाज, गांव के समाज से रुपये लेकर नहीं पटाने के मामले पर पिछले चार वर्षाें से समाज से बहिष्कृत मामले में सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की बातों को सुना। फिर मामला के पटाक्षेप के लिए दोनों पक्षों को रायपुर कार्यालय में बुलाया है। आवेदक पक्ष को 22 हजार रुपये जमा करने के बाद समाज में मिलाने संबंधी राजीनामा अधिवक्ताओं के समक्ष रायपुर में होगी। इस पर दोनों पक्षों ने सहमति दी। इसी तरह कई अन्य मामलों में देर शाम तक सुनवाई हुई।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पदाधिकारी, अधिकारी-कर्मचारी समेत जिला स्तर के विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी व पुलिस जवान उपस्थित थे।