जोशीमठ, 11 अप्रैल (हि.स.)। सरस्वती शिशु मंदिर जोशीमठ का वार्षिकोत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। केशव सभागार में आयोजित समारोह में नन्हें मुन्नें भैया बहनों ने लोकगीत, लोकनृत्य,अंग्रेजी नाटक, देश भक्ति गीत, कुमाउंनी गीत, लव कुश, योगाभ्यास, जागर और बगड़वाल नृत्य सहित अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुतियां प्रस्तुत की।
मैं तो जाऊं शिशु वाटिका,जागर और बगड़वाल नृत्य के साथ ही लव कुश काण्ड पर आधारित प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा। इस दौरान मातृ भारती ने मांगल गीत और झुमैलो नृत्य का शानदार प्रदर्शन किया।
वार्षिकोत्सव समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड के सदस्य कृष्णमणी थपलियाल ने कहा कि संस्कारित शिक्षा का एक मात्र केन्द्र सरस्वती शिशु और विद्या मंदिर ही है, विद्या भारती द्वारा संचालित इन विद्यालयों से निकले छात्र छात्राएं देश सेवा के साथ समाज सेवा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने नन्हें बच्चों के प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना करते हुए विद्यालय के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
वार्षिकोत्सव समारोह के मुख्य वक्ता सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शम्भू प्रसाद चमोला ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में शिशु मंदिर की स्थापना के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्ष 1952 में संस्कारित शिक्षा के जिस उद्देश्य के साथ शिशु मंदिर की स्थापना की गई थी। विद्या भारती के निरंतर प्रयासों से उद्देश्यों की पूर्ति हो रही है और अब देशभर में साढ़े बारह हजार सरस्वती शिशु और विद्या मंदिर संचालित हो रहे। जिनमें 36 लाख छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं और सवा लाख आचार्य सेवाएं दे रहे हैं।
चमोला ने कहा कि शिशु और विद्या मंदिरों से निकले छात्र छात्राएं न केवल प्रशासनिक सेवा में बल्कि विज्ञान और सेना में भी अग्रणी भूमिका निभाते हुए राष्ट्र सेवा कर रहे हैं।
सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य बद्री सिंह नेगी ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथि गणों और अभिभावकों का आभार व्यक्त किया।
आचार्य शारदा प्रसाद तिवारी और ओमप्रकाश के संचालन में हुए वार्षिकोत्सव समारोह में विद्यालय प्रबंध समिति ने मुख्य अथिति कृष्णमणी थपलियाल, विशिष्ट अतिथि हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सेवा सिंह, कार्यक्रम अध्यक्ष अनिल कुमार अग्रवाल और मुख्य वक्ता प्रधानाचार्य शम्भू प्रसाद चमोला को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में आरएसएस के नगर संघ चालक दाता राम मिश्रा, निवर्तमान सभासद अमित सती, विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रदीप फर्स्वाण, कोषाध्यक्ष विवेक बिष्ट सहित अनेक लोग मौजूद रहे।