महाराष्ट्र राजनीति: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. एक तरफ एनडीए में सीट बंटवारे की मांग हो रही है तो दूसरी तरफ विपक्षी महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे के अलावा मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर भी चर्चा चल रही है. इस बीच, शिवसेना (उद्धव गुट) ने कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) से गारंटी मांगी है. शिवसेना (उद्धव गुट) का कहना है कि चुनाव लड़ने से पहले यह तय कर लेना चाहिए कि अगर महा विकास अघाड़ी सत्ता में आई तो उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनेंगे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उद्धव ठाकरे करीब ढाई साल तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। लेकिन 2022 में एकनाथ शिंदे ने पार्टी बदल ली और उद्धव ठाकरे को पद छोड़ना पड़ा. विपक्षी गठबंधन के एक नेता ने कहा, ‘शिवसेना (उद्धव गुट) चाहती है कि हमारे नेता के नाम पर पहले सहमति बन जाए. इसके बाद ही सीट बंटवारे पर चर्चा होनी चाहिए.’ इतना ही नहीं, शिवसेना (उद्धव गुट) सीटों का सबसे बड़ा हिस्सा चाहती है.
शिवसेना (उद्धव गुट) की मांग
शिवसेना (उद्धव गुट) कोई जोखिम नहीं लेना चाहती और पहले से ही गारंटी मांग रही है. पिछले हफ्ते उद्धव ठाकरे दिल्ली गए थे. उनके साथ उनके बेटे आदित्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत भी थे. उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की. इसके अलावा उन्होंने शरद पवार से भी मुलाकात की. इस बीच, शिवसेना (उद्धव गुट) ने इन सभी नेताओं से एक ही मांग की कि मुख्यमंत्री पद को लेकर पहले ही फैसला ले लिया जाए. गौरतलब है कि साल 2019 में चुनाव नतीजों के बाद से ही इस मुद्दे पर शिवसेना और बीजेपी के बीच जंग शुरू हो गई थी.
कांग्रेस पीछे हटने को तैयार नहीं!
शिवसेना (उद्धव गुट) का कहना है कि बीजेपी ने वादा किया था कि चुनाव जीतने के बाद उनके नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. वहीं बीजेपी ने ऐसे किसी भी समझौते से इनकार किया है. ऐसे में 2019 से सबक लेते हुए शिवसेना (उद्धव गुट) अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहती. साथ ही कांग्रेस भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. उन्होंने 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और 13 पर जीत हासिल की। जबकि उद्धव सेना ने 21 में से 9 और शरद पवार ग्रुप ने 10 में से 8 सीटों पर जीत हासिल की. ऐसे में कांग्रेस का मानना है कि जनता ने उसे राज्य की सबसे बड़ी पार्टी माना है. इसलिए महाराष्ट्र में अधिक सीटों पर उसका दावा मजबूत है। अगले कुछ दिन इस टकराव के लिहाज से अहम होंगे.