बुलंदशहर, 06 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में एससी-एसटी कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए धर्म परिवर्तन के मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर चार लाख 56 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
एससी-एसटी कोर्ट में विशेष अभियोजक पद पर तैनात विपुल राघव ने बताया कि यह पूरा मामला मार्च 2022 का है। गुलावठी थाना में अनीता (काल्पनिक नाम) नाम की एक महिला ने तहरीर देते हुए कहा कि अनीश नाम के युवक ने आकाश बनकर उसे बहला फुसलाकर धोखाधड़ी करते हुए उसका धर्म परिवर्तन कराया। उसे अनीता से आयशा बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
इस दौरान उसने उससे ढाई लाख रुपये की नकदी और उसकी एक गले की चेन भी लेकर फरार हो गया। जब महिला के संज्ञान में आया कि आरोपित युवक आकाश नहीं बल्कि अनीश है। वह पहले से शादीशुदा है तो उसने कानून का सहारा लिया। पुलिस ने घटना की रिपोर्ट धर्म परिवर्तन में दर्ज कर मामले में जांच की। आरोपित की गिरफ्तारी हुई। मामले में आरोपित की तरफ से भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा गया।
उधर पीड़ित महिला ने भी अपने ऊपर धर्म परिवर्तन, बलात्कार के संबंध में और एससी-एसटी के होने के साक्ष्य पेश किये। कोर्ट ने बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर सभी धाराओं में दोषी करार देते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दोषी अनीश को आजीवन कारावास (मरते दम तक) की सजा सुनाई है। साथ ही इस मामले में अलग-अलग आरोपों में चार लाख 56 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
वहीं आरोप तय होने पर दोषी का कहना है कि वह वह निर्दोष है, उस पर बेवजह मुकदमे लगाए गए हैं। वह आदेश के विरुद्ध ऊपरी अदालत में अपील करेगा।