आम के लिए लड़ाई में मिली उम्रकैद, अब 40 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला

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आजीवन कारावास: 40 साल पहले उत्तर प्रदेश के एक गांव में आम को लेकर बच्चों के बीच छोटी सी लड़ाई हो गई थी. इस मारपीट में एक ग्रामीण की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी. तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. 

अब 40 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी उम्रकैद की सजा को घटाकर सात साल कर दिया है. वर्ष 1984 में गांव के एक व्यक्ति के सिर पर लाठी से वार कर हत्या करने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता, मृतक को लगी चोटों की प्रकृति और इस्तेमाल किए गए हथियार ‘लाठी’ की प्रकृति पर विचार करते हुए, “हम इसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।” दरअसल ये हत्या का नहीं बल्कि गैर इरादतन हत्या का मामला है.

पीठ ने कहा कि मामले के सभी चश्मदीदों के बयानों से पता चला है कि यह पूर्व नियोजित हत्या का मामला नहीं है. पीठ ने यह बात 24 जुलाई के अपने आदेश में कही, जिसे हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है. पीठ ने सभी अपीलकर्ताओं की आजीवन कारावास की सजा को सात साल के कठोर कारावास में बदल दिया।