भारतीय क्रिकेट में कप्तानी का समीकरण तेजी से बदल रहा है। रोहित शर्मा के कार्यकाल में कप्तानी को लेकर प्रयोग और बदलाव आम हो गए हैं। कभी वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते तो कभी फॉर्मेट के हिसाब से, नई कप्तानी का खेल भारतीय टीम का हिस्सा बन गया है। लेकिन ऐसा पहले नहीं था। एमएस धोनी और विराट कोहली के युग में तीनों फॉर्मेट के लिए एक स्थायी कप्तान होता था। धोनी और कोहली दोनों स्प्लिट कैप्टेंसी (अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग कप्तान) के खिलाफ थे, और उनकी नेतृत्व शैली ने टीम को स्थिरता दी।
स्प्लिट कैप्टेंसी का युग
एमएस धोनी ने खुद सीमित ओवरों की कप्तानी तब छोड़ी, जब विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में नेतृत्व संभाल लिया। यह एक स्पष्ट संकेत था कि टीम का अगला मल्टी-फॉर्मेट कप्तान कौन होगा। लेकिन रोहित शर्मा के कार्यकाल में यह तस्वीर धुंधली हो गई है।
- टी20 कप्तान: सूर्यकुमार यादव
- वनडे और टेस्ट कप्तान: रोहित शर्मा
टी20 वर्ल्ड कप के बाद हार्दिक पांड्या को टी20 का उत्तराधिकारी माना जा रहा था, लेकिन अचानक यह जिम्मेदारी सूर्यकुमार यादव को सौंप दी गई। सूर्या टी20 के नंबर-1 बल्लेबाज हैं, लेकिन उनकी उम्र (34 साल) को देखते हुए यह चर्चा है कि टीम को जल्द ही उनका उत्तराधिकारी ढूंढना होगा।
कप्तानी में प्रयोग और अस्थिरता
रोहित शर्मा के कार्यकाल में कप्तानी के हेरफेर ने अस्थिरता बढ़ाई है।
- रोहित ने केवल 57% टी20 मैचों में कप्तानी की।
- शेष 43% मैचों में टीम की कप्तानी 6 अन्य खिलाड़ियों ने संभाली।
धोनी, कोहली, और रोहित के कप्तानी युग का विश्लेषण
कप्तान | टेस्ट | वनडे | टी20 |
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एमएस धोनी (2008-2017) | 58 मैच (धोनी), 3 (वीरेंद्र सहवाग), 1 (विराट कोहली) | 199 (धोनी), 17 (कोहली), 12 (रैना), 7 (सहवाग), 6 (गंभीर), 3 (रहाणे) | 72 (धोनी), 3 (रैना), 2 (रहाणे) |
विराट कोहली (2017-2022) | 68 (कोहली), 6 (रहाणे), 1 (केएल राहुल) | 77 (कोहली), 10 (रोहित), 3 (धवन), 1 (धोनी) | 50 (कोहली), 19 (रोहित), 3 (धवन) |
रोहित शर्मा (2022-वर्तमान) | 24 (रोहित), 3 (बुमराह), 2 (केएल राहुल) | 38 (रोहित), 9 (धवन), 9 (केएल राहुल), 3 (हार्दिक) | 43 (रोहित), 16 (हार्दिक), 7 (सूर्या), 5 (पंत), 3 (गायकवाड़), 2 (बुमराह), 1 (केएल राहुल) |
भारतीय क्रिकेट का भविष्य: अगला कप्तान कौन?
एमएस धोनी और विराट कोहली के कार्यकाल में अगले कप्तान का नाम स्पष्ट था, लेकिन रोहित शर्मा के युग में यह तस्वीर धुंधली है।
- टी20 फॉर्मेट:
- हार्दिक पांड्या को लंबे समय तक उत्तराधिकारी माना गया, लेकिन अचानक सूर्या को कप्तान बना दिया गया।
- वनडे और टेस्ट:
- केएल राहुल और जसप्रीत बुमराह को उपकप्तान के रूप में मौका दिया गया, लेकिन राहुल की फॉर्म और फिटनेस सवालों के घेरे में है।
- बुमराह को अगला टेस्ट कप्तान माना जा रहा है, लेकिन उनकी चोटें लगातार बाधा बन रही हैं।
कप्तानी में बदलाव का असर
- स्थिरता की कमी: कप्तानी के बार-बार बदलने से खिलाड़ियों के प्रदर्शन और टीम की एकजुटता पर असर पड़ा है।
- आईपीएल का प्रभाव: आईपीएल के चलते युवा खिलाड़ियों को कम उम्र में नेतृत्व के मौके मिलते हैं, जिससे हर खिलाड़ी कप्तानी का इच्छुक नजर आता है।
भारत को क्या चाहिए?
भारतीय टीम को एक ऐसे कप्तान की जरूरत है जो तीनों फॉर्मेट में टीम को स्थिरता और स्पष्टता दे सके। स्प्लिट कैप्टेंसी के फायदे और नुकसान पर चर्चा होती रहेगी, लेकिन टीम को वर्तमान अस्थिरता से बाहर निकालने के लिए एक स्पष्ट योजना और नेतृत्व की आवश्यकता है।