आयकर विभाग ने कुछ खास और अंतरराष्ट्रीय लेनदेन वाले करदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2023-24 (Y2024-25) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समयसीमा 15 दिन बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दी है ।
सरकार के इस फैसले से करदाताओं को आईटीआर देरी से दाखिल करने पर लगने वाले जुर्माने से बचने में मदद मिलेगी। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(1) के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि उन करदाताओं के मामले में 30 नवंबर है, जिन्हें धारा 92ई में संदर्भित रिपोर्ट प्रस्तुत करना आवश्यक है।
कर निर्धारण वर्ष की समय-सीमा में विस्तार
आयकर विभाग की ओर से जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए समयसीमा को अब बढ़ाकर 15 दिसंबर, 2024 कर दिया है।
जिन लोगों ने अंतरराष्ट्रीय लेनदेन किए हैं, उन्हें धारा 92ई के तहत रिपोर्ट जमा करानी होगी। आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा का विस्तार ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय या कुछ घरेलू लेनदेन में भाग लेने वाली संस्थाओं पर लागू होगा।
सरकार की मजबूत आर्थिक वित्तीय स्थिति
हाल ही में जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों (अप्रैल-अक्टूबर) के अंत में केंद्र का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 46.5 प्रतिशत रहा। यह सरकार की मजबूत आर्थिक वित्तीय स्थिति को दर्शाता है। सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत पर लाना है, जो 2023-24 में 5.6 प्रतिशत था।
महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान कुल राजकोषीय घाटा, यानी सरकारी व्यय और राजस्व के बीच का अंतर 7,50,824 करोड़ रुपये था। 2024-25 के पहले सात महीनों के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़ों से पता चला है कि शुद्ध कर राजस्व लगभग 13 लाख करोड़ रुपये और चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 50.5 प्रतिशत था।