दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे ने राजस्थान के विभिन्न जिलों में प्रॉपर्टी बाजार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। खासतौर पर दौसा जिले में, जहां पहले औने-पौने दामों पर जमीन बेची जाती थी, अब कीमतें आसमान छू रही हैं। इस एक्सप्रेसवे के कारण न केवल कनेक्टिविटी बेहतर हुई है, बल्कि आसपास के इलाकों में आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ी हैं।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे: विकास का एक नया अध्याय
दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े महानगरों को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेसवे कई राज्यों से होकर गुजरता है, जिनमें राजस्थान भी शामिल है।
- समय की बचत:
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली से मुंबई के बीच यात्रा का समय काफी कम हो गया है। - राजस्थान के जिले:
एक्सप्रेसवे दौसा, सवाई माधोपुर, कोटा, झालावाड़ और अन्य जिलों से होकर गुजरता है। - औद्योगिक कॉरिडोर:
इसके आसपास औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की योजनाएं बन रही हैं, जो क्षेत्र के आर्थिक विकास को नई दिशा देंगी।
दौसा में जमीनों की कीमतें क्यों बढ़ीं?
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण ने दौसा और इसके आसपास के क्षेत्रों की जमीनों की कीमतों को कई गुना बढ़ा दिया है।
- इंटरचेंज का असर:
दौसा जिले के भांडारेज, डूंगरपुर और बड़का पाड़ा में एक्सप्रेसवे का इंटरचेंज है।- यहां जमीन की कीमतों में 8 से 10 गुना तक बढ़ोतरी हुई है।
- ग्रामीण इलाकों में उछाल:
एक्सप्रेसवे के आसपास 3-4 किलोमीटर के दायरे में जमीनों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं।- अन्य इलाकों में भी 5 से 6 गुना तक रेट बढ़े हैं।
किसानों को हुआ फायदा
- पहले के रेट:
दौसा जिले के धनावड़ और भोजवाड़ा गांव के आसपास जमीन की कीमत 3 से 5 लाख रुपये प्रति बीघा थी। - अब के रेट:
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के कारण यह कीमत 25 से 30 लाख रुपये प्रति बीघा हो गई है। - आर्थिक लाभ:
किसानों को उनकी जमीन का अच्छा मुआवजा मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
हाईवे पर चढ़ने-उतरने वाले स्थानों पर सबसे ज्यादा उछाल
एक्सप्रेसवे पर चढ़ने और उतरने वाले स्थानों पर जमीन की मांग तेजी से बढ़ी है।
- इन क्षेत्रों में जमीनों के दाम अन्य इलाकों की तुलना में 10 गुना तक बढ़ गए हैं।
- यह बढ़ोतरी इंटरचेंज के आसपास के 3-4 किलोमीटर के दायरे में सबसे अधिक देखी जा रही है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ी अन्य प्रमुख बातें
- राजस्थान के लिए औद्योगिक संभावनाएं:
- राजस्थान सरकार ने इस एक्सप्रेसवे के आसपास औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने की योजना बनाई है।
- इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और प्रदेश को आर्थिक रूप से सशक्त बनने में मदद मिलेगी।
- स्थानीय विकास को बढ़ावा:
- एक्सप्रेसवे के कारण आसपास के गांवों और शहरों में बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है।
- सड़कें, बिजली, और पानी जैसी सुविधाओं में सुधार हुआ है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे: राजस्थान के प्रमुख लाभ
- रियल एस्टेट में बूम:
- एक्सप्रेसवे के कारण जमीनों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
- निवेशकों के लिए यह क्षेत्र आकर्षण का केंद्र बन गया है।
- परिवहन में सुधार:
- तेज और सुगम यातायात से व्यापारियों, यात्रियों, और उद्योगों को बड़ा फायदा हो रहा है।
- रोजगार के अवसर:
- औद्योगिक क्षेत्रों और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण नए रोजगार सृजित हो रहे हैं।
- किसानों को मुआवजा:
- एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान किसानों को उनकी जमीन का अच्छा मुआवजा मिला है।