लखनऊ के किसानों की चमकी किस्मत! ज़मीन पर बन रहा है ऐसा पार्क जो देगा 1 लाख नौकरियां, आपको मिला मुआवजा?
लखनऊ और हरदोई के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, और साथ ही उत्तर प्रदेश के उन नौजवानों के लिए भी जो रोजगार की तलाश में हैं। जल्द ही इन दोनों जिलों की सीमा पर एक ऐसा विशाल पार्क बनने जा रहा है, जो न सिर्फ इस इलाके की तस्वीर बदल देगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में एक मील का पत्थर भी साबित होगा।
हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री मित्र मेगा टेक्सटाइल एंड अपैरल पार्क की, जिसका निर्माण कार्य अब तेजी से शुरू होने वाला है।
किसानों को जनवरी तक मिलेगा तगड़ा मुआवजा
इस विशाल पार्क के लिए सरकार ने लखनऊ और हरदोई के कई किसानों की जमीन अधिग्रहित की है। अब उन सभी किसानों का इंतजार खत्म होने वाला है। सरकार ने ऐलान किया है कि अगले साल जनवरी महीने तक मुआवजे (compensation) की रकम बांटने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
इसके लिए इसी हफ्ते से सार्वजनिक सुनवाई का काम शुरू हो गया है। नवंबर और दिसंबर में किसानों की आपत्तियों को सुना जाएगा और फिर मुआवजे का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। मुख्य सचिव ने खुद इस प्रोजेक्ट की समीक्षा की है और अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
कितना बड़ा है यह प्रोजेक्ट और आपको कैसे होगा फायदा?
यह कोई मामूली पार्क नहीं है, बल्कि एक मेगा प्रोजेक्ट है जो कई मायनों में खास है:
- 1000 एकड़ का विशाल क्षेत्र: यह पार्क कुल 1000 एकड़ जमीन पर बनेगा, जिसमें 730 एकड़ जमीन लखनऊ की और 270 एकड़ हरदोई जिले की शामिल है।
- 10,000 करोड़ का निवेश: इस एक पार्क में 10,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का निवेश आने की उम्मीद है, जो इसे उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक केंद्रों में से एक बना देगा।
- 1 लाख नई नौकरियां: सबसे बड़ी बात यह है कि इस पार्क के बनने से 1 लाख से भी ज्यादा लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इससे न सिर्फ लखनऊ और हरदोई, बल्कि आसपास के कई जिलों के लोगों को सीधा फायदा होगा।
- किसानों को भी लाभ: जिन किसानों की जमीन इस प्रोजेक्ट में गई है, उन्हें सरकार की तरफ से तगड़ा मुआवजा दिया जाएगा, जिससे वे अपना भविष्य सुरक्षित कर सकें।
क्या-क्या काम हो चुका है?
सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर काफी गंभीर है। पार्क के संचालन के लिए ‘पीएम मित्र पार्क उत्तर प्रदेश लिमिटेड’ के नाम से एक कंपनी भी बना दी गई है, जिसमें 51% हिस्सेदारी यूपी सरकार और 49% भारत सरकार की होगी।
अब तक इस पार्क की 24 किलोमीटर लंबी बाउंड्री वॉल में से 15.5 किलोमीटर का निर्माण पूरा हो चुका है। साथ ही, पार्क को आउटर रिंग रोड से जोड़ने के लिए गोमती नदी पर बन रहे पुल का काम भी तेजी से चल रहा है।
यह पार्क सिर्फ एक औद्योगिक केंद्र नहीं होगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के विकास की नई कहानी लिखेगा, जहां किसानों की समृद्धि के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के लाखों अवसर भी पैदा होंगे।
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