लालू की विचारधारा खत्म, RJD के सब उम्मीदवार जयचंद तेज प्रताप के बगावती तेवर से पार्टी में भूचाल
News India Live, Digital Desk : बिहार की राजनीति में एक बार फिर लालू परिवार का आंतरिक कलह सतह पर आ गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जिससे विधानसभा चुनाव के बीच में ही पार्टी के अंदर सियासी भूचाल आ गया है। उन्होंने RJD के सभी उम्मीदवारों को 'जयचंद' करार देते हुए कहा है कि पार्टी में अब लालू यादव की विचारधारा पूरी तरह से खत्म हो चुकी है।
"टिकट बेचने वालों को जनता सिखाएगी सबक"
तेज प्रताप यादव ने यह विस्फोटक बयान जहानाबाद में दिया, जहाँ वह RJD के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ अपने संगठन 'छात्र जनशक्ति परिषद' के प्रत्याशी चंदन प्रकाश के लिए प्रचार करने पहुंचे थे। उन्होंने मंच से हुंकार भरते हुए कहा, "लालू जी की विचारधारा को इन लोगों ने समाप्त कर दिया है। राजद के जितने भी उम्मीदवार हैं, वे सभी जयचंद हैं। इन लोगों ने टिकट बेचने का काम किया है। जो लोग लालू जी को जेल भेजने में शामिल थे, आज वही लोग पार्टी में टिकट लेकर घूम रहे हैं।"
तेज प्रताप ने साफ कर दिया है कि वह पार्टी के खिलाफ जाकर अपने संगठन के उम्मीदवारों के लिए पूरे बिहार में प्रचार करेंगे और "टिकट बेचने वालों" को सबक सिखाएंगे।
जगदानंद सिंह और 'सलाहकारों' पर सीधा निशाना
तेज प्रताप ने RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को सीधे तौर पर अपने निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि जगदानंद सिंह पार्टी को खत्म कर रहे हैं और उनके जैसे लोग ही असली "जयचंद" हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जगदानंद सिंह के बेटे, जो खुद RJD के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, भाजपा से मिले हुए हैं।
"मेरी लड़ाई तेजस्वी से नहीं, चापलूसों से है"
हालांकि तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर सीधा हमला करने से परहेज किया, लेकिन उनका इशारा साफ था। उन्होंने कहा, "हमारी लड़ाई तेजस्वी से नहीं है, बल्कि उसके आस-पास बैठे चापलूसों से है जो पार्टी को बर्बाद कर रहे हैं। ये लोग दोनों भाइयों को लड़ाना चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने पार्टी के सच्चे कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करके पैसे लेकर बाहरी लोगों को टिकट दिया है।
तेज प्रताप के इस खुले विद्रोह ने चुनाव के बीच में ही RJD के लिए एक बड़ी असहज स्थिति पैदा कर दी है। एक तरफ जहां तेजस्वी यादव महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं, वहीं उनके बड़े भाई का इस तरह पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार करना विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे सकता है।
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