लालू यादव को ईडी का समन, ‘नौकरी के बदले जमीन घोटाले’ में तेजस्वी और राबड़ी देवी से भी पूछताछ

Ani 20250126489 0 1742268650829

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘नौकरी के बदले जमीन घोटाले’ में समन भेजा है। यह मामला 2004-2009 के बीच का है, जब लालू यादव संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार में रेल मंत्री थे। इस घोटाले की जांच पहले सीबीआई ने की थी, लेकिन इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का ऐंगल सामने आने के बाद ईडी ने भी जांच शुरू कर दी।

ईडी ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेज प्रताप यादव को पूछताछ के लिए तलब किया है।

क्या है ‘नौकरी के बदले जमीन घोटाला’?

इस घोटाले में आरोप है कि रेलवे की ग्रुप-D की नौकरियां देने के बदले में उम्मीदवारों और उनके परिवार वालों से जमीनें औने-पौने दामों में लिखवाई गईं।

  • इस भर्ती प्रक्रिया में नियमों का खुला उल्लंघन किया गया।
  • जिन लोगों को नौकरियां दी गईं, उन्होंने अपनी कीमती जमीनों को बाजार भाव से 75% तक कम कीमत पर लालू यादव के करीबी लोगों और उनके परिवार के नाम कर दिया।
  • सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की, जिसके बाद ईडी ने भी इस केस को अपने हाथ में लिया।

चार्जशीट में क्या आरोप लगाए गए?

ईडी और सीबीआई दोनों इस मामले में कई चार्जशीट दाखिल कर चुकी हैं। अगस्त 2024 में दाखिल चार्जशीट में ईडी ने बताया कि लालू यादव के करीबी अमित कात्याल ने एके इन्फोसिस्टम्स नाम की कंपनी बनाई।

  • इस कंपनी के नाम पर पटना में कई जमीनें ट्रांसफर करवाई गईं।
  • बाद में, अमित कात्याल ने कंपनी की 100% हिस्सेदारी लालू यादव के परिवार को ट्रांसफर कर दी।
  • इसमें 85% हिस्सेदारी राबड़ी देवी के नाम की गई, जबकि 15% शेयर तेजस्वी यादव को मिले।

दिल्ली में खरीदा गया 150 करोड़ का बंगला – ईडी का खुलासा

ईडी ने अपनी चार्जशीट में एक और बड़ा खुलासा किया।

  • एके इन्फोसिस्टम्स के पास जो संपत्ति थी, उसका सरकारी मूल्य 1.89 करोड़ रुपये आंका गया था।
  • लेकिन इसकी असल बाजार कीमत 63 करोड़ रुपये थी।
  • यह पूरी शेयरहोल्डिंग महज 1 लाख रुपये में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को ट्रांसफर कर दी गई।

इसके अलावा, ईडी को एक और कंपनी ‘एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ की जानकारी मिली।

  • इस कंपनी में 98.25% हिस्सेदारी तेजस्वी यादव की है, जबकि 1.75% उनकी बहन चंदा यादव के पास है।
  • इस कंपनी के नाम पर दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक बंगला खरीदा गया।
  • दस्तावेजों में इस बंगले की कीमत 5 करोड़ रुपये दिखाई गई, लेकिन ईडी के अनुसार इसकी वास्तविक कीमत 150 करोड़ रुपये है।