महाशिवरात्रि पर नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी, लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचे

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बुधवार सुबह से ही महाशिवरात्रि के अवसर पर पूजा-अर्चना करने के लिए नेपाल और पड़ोसी भारत से हजारों श्रद्धालु पशुपतिनाथ मंदिर में एकत्रित हुए थे। काठमांडू में बागमती नदी के तट पर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा और दर्शन के लिए लोग मंगलवार देर रात से ही कतारों में इंतजार कर रहे थे। ‘पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट’ के सदस्य सचिव मिलन कुमार थापा ने बताया कि पशुपतिनाथ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने विशेष व्यवस्था की है। स्थानीय प्रशासन ने त्योहार के दौरान मारिजुआना, गांजा, शराब, मांस और मछली की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया है। जो भी इस नियम का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 

सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं।

मंगलवार को मंदिर 2:15 बजे खुला और भक्तों को चारों दरवाजों से मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई। बुधवार को नेपाल और भारत से 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने आने की उम्मीद है। प्राधिकारियों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और मंदिर में पूजा के सुचारू संचालन के लिए 4,000 सुरक्षाकर्मियों और 10,000 स्वयंसेवकों को तैनात किया है।

मंदिर परिसर को सजाया गया।

मुख्य मंदिर और मंदिर परिसर को फूलों, रंग-बिरंगी रोशनियों, कागज के झंडों और बैनरों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। मंदिर में सुचारू दर्शन सुनिश्चित करने के लिए, अधिकारियों ने मंदिर के अंदर आठ और बाहर चार कतारों की व्यवस्था की है। प्रभावी भीड़ प्रबंधन के लिए अलग-अलग मार्ग तय किए गए हैं। भक्त मित्रा पार्क, गौशाला और पिंगलस्थान जैसे विभिन्न स्थानों से प्रवेश कर सकते हैं, जहां व्यवस्थित कतारों के माध्यम से सुचारू आवाजाही सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर तिलगंगा राम मंदिर से होकर एक अलग मार्ग का भी निर्माण किया गया है।

श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बद्री प्रसाद पाण्डेय की अध्यक्षता में महाशिवरात्रि मुख्य समारोह समिति का गठन किया गया, जो विभिन्न संगठनों के समन्वय से इस अवसर पर श्रद्धालुओं को निःशुल्क भोजन, पेयजल एवं दवाइयां उपलब्ध कराती है। पशुपति विकास ट्रस्ट के वरिष्ठ पदाधिकारी रेवती रमण अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे तक करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की थी। उन्होंने कहा कि गुरुवार सुबह तक यह संख्या 10 लाख को पार कर जाएगी। भारत से लगभग 700 नागा बाबाओं सहित लगभग 3,500 साधु मंदिर पहुंच चुके हैं।