मजदूरी के विभिन्न अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई: श्रम अधीक्षक

पलामू, 24 जून (हि.स.)। आउटसोर्सिंग कंपनी बालाजी के कर्मचारियों के कम और तीन-चार महीने से वेतन नहीं देने के आरोप पर श्रम अधीक्षक इतवारी महतो ने सोमवार को एमआरएमसीएस पहुंच कर मामले की जांच की। बालाजी कंपनी के सफाई कर्मचारियों ने जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार से शिकायत की थी कि उन्हें कम और तीन-चार महीने से वेतन नहीं दिया गया है। शिकायत के आलोक में श्रम अधीक्षक जांच के लिए एमआरएमसीएच पहुंचे।

एमआरएमसीएस सहित जिले के सभी अस्पतालों में आउटसोर्सिंग कंपनी बालाजी के 480 के आसपास सफाई समेत कर्मचारी कार्यरत हैं। श्रम अधीक्षक ने बताया कि एक-एक सफाईकर्मी सहित 38 कर्मियों का बयान दर्ज किया गया। त्रुटि निकलने पर मामले में अनियमित मजदूरी अधिनियम और मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत कोर्ट में अभियोजन दर्ज करने और कंपनी पर एफआईआर करने का प्रावधान है। बयान के अनुसार कंपनी पर कार्रवाई होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों ने बयान दिया है कि उनसे 6 घंटे काम लिया जाता है। दो शिफ्ट में काम होता है। 8 से 2 एवं दो से 8 बजे तक शिफ्ट बंटा हुआ है। इसके तहत निर्धारित मजूदरी कंपनी अपने कर्मियों को दे रही है या नहीं यह भी जांच की गयी। अंतर बकाया भुगतान नहीं करने पर कोर्ट में अभियोजन दर्ज किया जायेगा। अगर 30 दिन काम लिया जाता है तो पेमेंट 30 दिन का करना होगा। 3 से चार महीने के वेतन भुगतान का स्टेटमेंट कंपनी से लिया जा रहा है। इससे मिलान किया जायेगा कि किसको कितना भुगतान किया गया। मेंडेज के अनुसार कार्य देखा जायेगा। इसके अनुसार भुगतान देखा जायेगा।

इधर, बाला कंपनी के हेड सुपरवाइजर देव तिवारी ने बताया कि कर्मियों का वेतन भुगतान से संबंधित जो भी आरोप है, वह निराधार है। सभी का भुगतान 10 तारीख तक चला जाता है। किसी कर्मी का भुगतान नहीं है।