भारत के उभरते क्रिकेटर कुमार रेड्डी ने शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़कर इतिहास रच दिया। उनकी यह यादगार पारी उस समय आई जब भारतीय टीम फॉलोऑन के संकट से जूझ रही थी। रेड्डी ने वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी निभाई और टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला। उनकी इस पारी को न केवल फैंस, बल्कि दिग्गज क्रिकेटरों ने भी सराहा।
सचिन तेंदुलकर की प्रशंसा
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कुमार रेड्डी की पारी की तारीफ करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा:
“नीतीश द्वारा खेली गई पारी यादगार रही। उन्होंने मुझे अपने पहले टेस्ट से ही प्रभावित किया है। उनका धैर्य और संयम पूरे समय देखने लायक था। इस महत्वपूर्ण सीरीज में उन्होंने अपने खेल को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। वॉशिंगटन सुंदर ने भी उनका बेहतरीन साथ दिया। शानदार प्रदर्शन।”
रेड्डी की उम्र में रचा इतिहास
21 साल और 214 दिन की उम्र में, रेड्डी ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट शतक बनाने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले यह उपलब्धि 1992 में सचिन तेंदुलकर और 2019 में ऋषभ पंत ने सिडनी में हासिल की थी।
गावस्कर की प्रतिक्रिया: “महानतम शतक”
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने रेड्डी की 176 गेंदों में नाबाद 105 रनों की पारी को भारतीय क्रिकेट के महानतम शतकों में से एक बताया। गावस्कर ने कहा,
“नीतीश कुमार रेड्डी का यह शतक भारतीय क्रिकेट के इतिहास में लंबे समय तक याद रखा जाएगा। यह उनके दृढ़ संकल्प और प्रतिभा का प्रमाण है।”
रेड्डी और सुंदर की साझेदारी ने बदला खेल का रुख
रेड्डी ने वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर मुश्किल समय में शतकीय साझेदारी निभाई। जब भारतीय टीम के ऊपर फॉलोऑन का खतरा मंडरा रहा था, तब इन दोनों खिलाड़ियों ने क्रीज पर डटकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का सामना किया। सुंदर ने भी संयम और समझदारी भरी बल्लेबाजी करते हुए टीम को संकट से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई।
खराब रोशनी के कारण रुका खेल
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खराब रोशनी के कारण जब तीसरे दिन का खेल रोका गया, तब अंतिम विकेट के तौर पर मोहम्मद सिराज (2 रन) रेड्डी का साथ निभा रहे थे। भारत अब भी ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के 474 रनों के स्कोर से 106 रन पीछे है।
रेड्डी का शतक: भारतीय क्रिकेट का भविष्य
रेड्डी की इस पारी ने उन्हें भारतीय क्रिकेट का उभरता हुआ सितारा बना दिया है। ऑस्ट्रेलियाई धरती पर इतना शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने न केवल अपनी तकनीक और मानसिक मजबूती साबित की, बल्कि यह भी दिखा दिया कि वह आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाई पर ले जाने की क्षमता रखते हैं।