कुमाऊं मंडल आयुक्त ने सूखाताल का किया निरीक्षण

नैनीताल, 11 जुलाई (हि.स.)। विश्वप्रसिद्ध नैनी झील को 70 प्रतिशत तक जल प्राकृतिक रूप से उपलब्ध कराने वाली सूखाताल झील का सौंदर्यीकरण कार्य एक बार फिर से शुरू होने की स्थिति बन रही है। कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत ने गुरुवार को सूखाताल का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्हाेंने बताया कि सूखाताल को झील के रूप में विकसित करने के लिए 29 करोड़ रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण कार्य किया जाना है।

इस दौरान कार्यदायी संस्था केएमवीएन यानी कुमाऊं मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि सूखाताल को पांच नाले रिचार्ज करते हैं। केएमवीएन के द्वारा सूखाताल के सौंदर्यीकरण कार्यों में ताल का समतलीकरण, साफ-सफाई, बैठने की व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था, पाथ-वे यानी पैदल रास्ता व लकड़ी के कार्य एवं इसके निकट बनी बहुमंजिला पार्किंग के नीचे नाै दुकानों व लिफ्ट का निर्माण किया जाना है। इसके अतिरिक्त सूखाताल में पर्यटकों के लिए नौकायन व कैस्केड यानी झरना जैसी गतिविधियां भी उपलब्ध करायी जाएंगी।

आयुक्त दीपक रावत ने सौंदर्यीकरण का कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। इस दौरान यह मामला भी सामने आया कि एक नाले में प्राकृतिक स्रोत के जल के साथ सीवर का पानी भी ताल में आ रहा है। जिसकी यथाशीघ्र उचित व्यवस्था करने के लिए कुमाऊं आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। इस दौरान सूखाताल परिसर में बृहद स्तर पर पौधरोपण भी किया गया।
इस दौरान जिला विकास प्राधिकरण के सचिव व केएमवीएन के महाप्रबंधक विजयनाथ शुक्ल, उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार, नायब तहसीलदार तथा सिंचाई विभाग व जल संस्थान आदि विभागों के अधिकारी मौके पर उपस्थित रहे।