संदेशखाली मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंची ममता सरकार को सोमवार को राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई तीन महीने के लिए टाल दी है. संदेशखाली में ईडी टीम पर हुए हमले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. पश्चिम बंगाल सरकार ने उस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. लेकिन कोर्ट ने याचिका पर हैरानी जताई और कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि सरकार एक व्यक्ति के खिलाफ चल रही जांच का विरोध कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी सीबीआई जांच के खिलाफ निषेधाज्ञा देने से इनकार करते हुए याचिका की तत्काल सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया। कोर्ट अब गर्मी की छुट्टियों के बाद जुलाई के दूसरे हफ्ते में याचिका पर सुनवाई करेगी. ममता सरकार के वकील अभिषेक सांघवी ने कहा कि मामले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और दस्तावेज राज्य के हाथ में हैं। इसलिए सीबीआई जांच को निलंबित किया जाना चाहिए.
जस्टिस बीआर गवई और संदीप मेहता ने कहा कि मामले में आरोप गंभीर हैं। इन पर महिलाओं पर अत्याचार और जमीन हड़पने के आरोप हैं. कोर्ट ने कहा कि जिस व्यक्ति पर गंभीर आरोप लगे हैं, उसके खिलाफ चल रही जांच का राज्य सरकार द्वारा विरोध करना आश्चर्यजनक है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि ममता सरकार हाई कोर्ट में मामला लंबित होने का हवाला देकर कोई फायदा लेने की कोशिश भी न करे. शाहजहां शेख संदेशखाली हिंसा का मुख्य आरोपी है. वह स्थानीय तृणमूल नेता भी हैं. हिंसा के आरोप में सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया है.