कोलकाता केस: सीबीआई ने कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट, संजय रॉय को बनाया मुख्य आरोपी

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9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में सीबीआई लगातार हर पहलू पर जांच कर रही है. इस बीच, सीबीआई ने इस मामले में सियालदह कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है.

आरोप पत्र में करीब 200 लोगों के बयान दर्ज किए गए

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, दाखिल की गई चार्जशीट में करीब 200 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. मामले को सुलझाते हुए सीबीआई ने इस मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके आरोपी संजय रॉय को हत्या और रेप का मुख्य आरोपी बनाया है. गैंग रेप को लेकर सीबीआई सूत्रों का कहना है कि जांच अभी भी जारी है.

सीबीआई ने क्या कहा?

आरोपी संजय रॉय स्थानीय पुलिस में सिविलियन वालंटियर के तौर पर काम कर रहा था. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोपी संजय रॉय के बारे में कहा है कि उसने 9 अगस्त को पीड़िता के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया जब वह ब्रेक के दौरान अस्पताल के सेमिनार रूम में सोई थी. साथ ही सीसीटीवी फुटेज में संजय रॉय 9 अगस्त की सुबह 4.03 बजे सेमिनार रूम में प्रवेश करते नजर आ रहे हैं. कोलकाता पुलिस को घटनास्थल पर आरोपियों के ब्लूटूथ हेडफोन भी मिले।

देशभर में प्रदर्शन हुए

कोलकाता रेप केस को लेकर देशभर में प्रदर्शन हुए और महिलाओं के सम्मान और न्याय की मांग की गई. रेप पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों ने भी शनिवार शाम से आमरण अनशन शुरू कर दिया है. जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर उनकी मांगों के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया है.

डॉक्टरों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया

जूनियर डॉक्टरों ने आमरण अनशन शुरू करने से पहले शुक्रवार को कोलकाता के धर्मतला में डोरी क्रॉसिंग पर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार को अपनी मांगें पूरी करने के लिए 24 घंटे का समय दिया था, लेकिन जब उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो डॉक्टरों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया.

कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर कार्रवाई

इस मामले में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से भी सीबीआई ने पूछताछ की थी और उनके कई टेस्ट भी कराए गए थे, जिसके बाद ईडी ने भी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी. हालांकि, इससे पहले 25 सितंबर को इस मामले में सीबीआई ने दावा किया था कि थाने में सबूतों को बदला गया और फर्जी रिकॉर्ड बनाए गए.