योग केवल चटाई पर ही क्यों किया जाता है? कारण जानिए

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योग भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आजकल कई लोग स्वस्थ और फिट रहने के लिए योग का सहारा ले रहे हैं। योग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी संतुलित करने में मदद करता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई सरल योग आसन किए जाते हैं। जब भी कोई व्यक्ति योग करता है तो उसके लिए एक विशेष चटाई का उपयोग किया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि योग हमेशा मैट पर ही क्यों किया जाता है? इसके पीछे क्या वैज्ञानिक और पारंपरिक कारण छिपा है?

 

योग मैट सिर्फ एक सहायक वस्तु नहीं है, यह एक आवश्यकता है।

यदि आप भी योग का अभ्यास करते हैं या करने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि योग मैट सिर्फ एक सहायक वस्तु नहीं बल्कि एक आवश्यकता है। पहले के समय में लोग योग करने के लिए कुशा घास, चटाई या लकड़ी के तख्तों का इस्तेमाल करते थे, लेकिन आजकल योग मैट का चलन है।

1. संतुलन और पकड़ बनाए रखने में मदद करता है

योग करते समय शरीर को संतुलित रखना बहुत ज़रूरी है, खासकर तब जब आप खड़े हों या संतुलन बनाने वाले आसन कर रहे हों। योगा मैट की सतह नॉन-स्लिप होती है, जो आपको फिसलने से बचाती है और सही तरीके से पोज़ करने में मदद करती है।

2. कुशनिंग और जोड़ों को सहारा प्रदान करता है

योग में कई ऐसे आसन हैं जो शरीर के जोड़ों पर दबाव डालते हैं, जैसे घुटनों के बल बैठना, तख्ती लगाना या कोहनी मोड़ना। लेकिन योगा मैट की गद्दी दबाव को कम करती है और जोड़ों को सहारा देती है, जिसका मतलब है कि आपको दर्द या चोट लगने का खतरा नहीं है।

3. स्वच्छता बनाए रखता है

अगर आप सीधे ज़मीन पर योग करते हैं, तो धूल, बैक्टीरिया और एलर्जी के कण आपके शरीर के संपर्क में आ सकते हैं। यह समस्या और भी बढ़ सकती है, खासकर अगर आप किसी सार्वजनिक स्थान या पार्क में योग कर रहे हों। योग मैट एक अवरोधक के रूप में कार्य करता है और आपको स्वच्छ योग करने में मदद करता है।

4. आरामदायक अनुभव प्रदान करता है

कुछ योग आसन घुटनों, कोहनी और पैरों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं, जिससे दर्द हो सकता है। लेकिन योगा मैट इस समस्या को कम करता है और एक आरामदायक सतह प्रदान करता है, जिससे आप बिना किसी परेशानी के लंबे समय तक योग का अभ्यास कर सकते हैं।

क्या योग मैट के बिना योग किया जा सकता है?

अगर आपके पास योगा मैट नहीं है तो आप कुशा घास की चटाई, सूती कालीन या लकड़ी के फर्श जैसे पुराने तरीकों का इस्तेमाल करके भी योग कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि बिना मैट के योग करते समय आपको ज़्यादा सावधान रहना होगा, ताकि आपको चोट न लगे और आप अपने शरीर की ऊर्जा को संतुलित रख सकें।