भीषण गर्मी जारी है. अब जेठ का महीना शुरू हो गया है. इस महीने भयंकर गर्मी पड़ रही है. ऐसे में धूप और गर्मी किसी की भी सेहत खराब कर सकती है। अगर आप इस भीषण गर्मी में अपनी सेहत से खिलवाड़ नहीं करना चाहते हैं तो आयुर्वेद में बताए गए खान-पान के इन नियमों का पालन करें, जिससे शरीर पर गर्मी का ज्यादा असर नहीं होता और सेहत भी दुरुस्त रहती है।
आयुर्वेद में जेठ माह में खान-पान के नियम बताए गए हैं।
अगर आप चिलचिलाती गर्मी में स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आयुर्वेद में बताए गए खान-पान के इन नियमों का पालन करें। आयुर्वेद में दवाओं से ज्यादा जोर उचित आहार और दिनचर्या पर दिया जाता है, ताकि बीमारियां आसपास न फटकें। इसीलिए जेठ के अनुसार कुछ भोजन और कुछ भोजन करने की मनाही है। जानिए जेठ के महीने में क्या खाने से बचना चाहिए और क्या खाना चाहिए।
गर्मियों में खाएं ये चीजें
- आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों में इन चीजों का सेवन करना चाहिए.
- पसीने के रूप में नष्ट होने वाले पानी को संतुलित करने के लिए जितना हो सके उतना पानी पियें।
- जूस, लस्सी और ठंडी छाछ पियें। यह पेट को ठंडा करने के साथ-साथ शरीर को अंदर से ठंडा रखने में भी मदद करता है।
- प्राकृतिक मीठे रसीले फल, तरबूज़, ख़रबूज़ा। इसके साथ ही खीरा और अरहर का सेवन करें.
- अपने दैनिक आहार में करेला, बीन्स, परवल, भिंडी आदि मौसमी सब्जियों को शामिल करें, ताकि शरीर इसे आसानी से पचा सके।
हल्का भोजन
- बहुत कम मसाले और तेल से बना खाना खाएं। जो शरीर को अंदर से ठंडा करने की कोशिश करता है।
गर्मियों में इन चीजों को खाने से बचें
आयुर्वेद के अनुसार, गर्मियों में कुछ खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए।
- मसालेदार भोजन
गर्मी के दिनों में मसालेदार भोजन से बिल्कुल दूर रहें, अपने भोजन में हरी मिर्च, लाल मिर्च, लहसुन और अदरक का प्रयोग कम से कम करें। ये शरीर की अग्नि को बढ़ाते हैं, जिससे शरीर गर्म होता है। - बहुत गर्म मसालों से बने मसालेदार
भोजन से भी बचना चाहिए। मसालों में सौंफ और धनिया जैसे ठंडे मसालों का भी प्रयोग करें. - गर्म खाना
बहुत गर्म खाना खाने से बचें। कमरे के तापमान पर रखा हल्का भोजन करें। - तैलीय भोजन
गर्मियों में तेल में तली, भुनी, मसालेदार, चटपटी, खट्टी, तीखी या बहुत स्वादिष्ट चीजें खाने से बचें। - अप्राकृतिक ठंडी चीजें
बर्फ, आइसक्रीम आदि जैसी ठंडी चीजों से दूर रहें।