डायबिटीज कंट्रोल करने में फायदेमंद है आक के पत्ते, जानें इसके अन्य स्वास्थ्य लाभ

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डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है जिसे पूरी तरह से ठीक तो नहीं किया जा सकता, लेकिन बेहतर लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट के जरिए इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इस बीमारी में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है, जिससे मरीज को अत्यधिक प्यास लगना, गला और मुंह सूखना, बीपी कम होना, त्वचा का रूखापन, कमजोरी, चक्कर आना, नजर कमजोर होना और चोट का जल्दी ठीक न होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपायों का उल्लेख किया गया है, जिनमें से एक है आक के पत्ते (Aak Leaves)। इसे मदार, अर्क या अकोवा के नाम से भी जाना जाता है। यह जोड़ों के दर्द, पैरालिसिस (लकवा) और अन्य कई बीमारियों के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है।

आक के पत्ते कैसे फायदेमंद हैं?

आक का पौधा प्राकृतिक रूप से विषैला होता है और आमतौर पर जंगलों और झाड़ियों में पाया जाता है। हालांकि, इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। इसके फूल और पत्तियां डायबिटीज, अस्थमा और कुष्ठ रोग जैसी गंभीर बीमारियों में उपयोगी साबित हो सकती हैं।

डायबिटीज के लिए आक के पत्तों के फायदे:

  • इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और घाव भरने के गुण पाए जाते हैं।
  • एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है।
  • एंटी इंफ्लेमेटरी गुण ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक होते हैं।
  • आयुर्वेद में स्वर्णभस्म में आक के रस का उपयोग किया जाता है, जो डायबिटीज के उपचार में मदद करता है।

डायबिटीज के मरीज आक के पत्तों का उपयोग कैसे करें?

अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आप आक के पत्तों का सही तरीके से उपयोग करके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं।

1. आक के पत्तों का पाउडर बनाकर सेवन करें

  • आक के पत्तों को धूप में सुखाएं और फिर पीसकर पाउडर बना लें।
  • रोजाना 10 मिलीलीटर पानी में इस पाउडर को मिलाकर सेवन करें।

2. पैर पर लगाकर ब्लड शुगर करें कंट्रोल

  • आक के पत्तों को साफ पानी से धो लें।
  • इन्हें रात में तलवों पर लगाएं और मोजे पहनकर सो जाएं।
  • सुबह उठकर मोजे उतार दें।
  • इस उपाय से ब्लड शुगर लेवल में सुधार हो सकता है।

आक के पत्तों के अन्य स्वास्थ्य लाभ

1. अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद

आक के फूलों को सुखाकर सेवन करने से अस्थमा और फेफड़ों की समस्याएं कम हो सकती हैं।

2. बवासीर के मरीजों के लिए लाभकारी

  • आक की कुछ पत्तियों और डंठल को पानी में भिगोकर रखें।
  • कुछ घंटे बाद इस पानी को पिएं।
  • बवासीर की समस्या में राहत मिल सकती है।

3. स्किन एलर्जी और खुजली में राहत

  • आक की जड़ों को जलाकर उसकी राख तैयार करें।
  • इस राख को सरसों के तेल में मिलाकर खुजली वाले स्थान पर लगाएं।
  • यह उपाय खुजली और स्किन इंफेक्शन में लाभकारी हो सकता है।

आक के पत्तों का इस्तेमाल करते समय सावधानी

आक के पत्तों से निकलने वाला सफेद दूध (Latex) आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है।
इसका उपयोग करते समय सावधानी बरतें और इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
किसी भी नई हर्बल दवा का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।