आयकर रिटर्न दाखिल करने में फॉर्म 16 का कैसे होता है इस्तेमाल, जानिए हर जानकारी

आयकर रिटर्न दाखिल करना: आयकर रिटर्न यानी ITR दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसके लिए सबसे ज़रूरी दस्तावेज़ फॉर्म 16 भी आना शुरू हो गया है। कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 भेजना शुरू कर दिया है। यह प्रक्रिया हर साल जून के महीने में की जाती है। ITR फाइलिंग में इसकी अहम भूमिका होती है, क्योंकि इसमें आपकी आय का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिसे ITR फाइलिंग में भरा जाता है। आइए इस फॉर्म के बारे में जानते हैं और इसके इस्तेमाल का तरीका समझते हैं…

यह फॉर्म 16 आपकी आय का लेखा-जोखा है

दरअसल, फॉर्म 16 आपकी आय के बारे में हर जानकारी बताता है कि आपको कितनी सैलरी मिली है और कितना टैक्स कटा है? ऐसे में ITR फाइल करने के लिए यह फॉर्म और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। फॉर्म 16 आपकी कंपनी की ओर से कर्मचारियों को भेजा जाता है। इस फॉर्म के जरिए कंपनी इस बात का सबूत देती है कि आपकी सैलरी में जो टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) बना था। उसे काटकर आयकर विभाग के पास जमा कर दिया गया है। इसके दो हिस्से होते हैं।

फॉर्म 16 का पार्ट ए: फॉर्म 16 के पार्ट ए में आपसे और आपकी कंपनी से जुड़ी जानकारी के साथ-साथ काटे गए टैक्स की जानकारी भी दी जाती है। इसमें नियोक्ता का नाम और पता, नियोक्ता का टैन और पैन नंबर और कर्मचारी का पैन नंबर शामिल होता है। इतना ही नहीं, इस हिस्से में कंपनी द्वारा हर तिमाही में काटे गए टैक्स की पूरी जानकारी भी होती है, जिसे नियोक्ता द्वारा प्रमाणित किया जाता है।

फॉर्म 16 का पार्ट बी: फॉर्म 16 के पार्ट बी की बात करें तो इसमें आपकी सैलरी और टैक्स छूट की जानकारी शामिल होती है। इसमें आपको आपकी सैलरी का ब्रेकअप, आयकर अधिनियम के तहत टैक्स छूट और सेक्शन 89 के तहत आपको मिल रही राहत के बारे में जानकारी दी जाती है।

आईटीआर दाखिल करना क्यों महत्वपूर्ण है?

फॉर्म 16 एक ऐसा दस्तावेज है जिसमें आयकर रिटर्न (ITR) जमा करने के लिए सभी जरूरी जानकारी होती है। नियोक्ता के लिए हर वित्तीय वर्ष पूरा होने के बाद अपने कर्मचारियों को यह फॉर्म जारी करना अनिवार्य है। फॉर्म 16 की मदद से आप आसानी से अपना आयकर रिटर्न भर सकते हैं, क्योंकि इसमें वो सारी जानकारी होती है जो आपको आयकर रिटर्न में देनी होती है। फॉर्म 16 को TRACES की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है, लेकिन पूरा नहीं। TRACES का मतलब है TDS सॉल्यूशन एनालिसिस एंड करेक्शन इनेबल्ड सिस्टम। इसकी प्रक्रिया भी बहुत आसान है।

घर बैठे फॉर्म 16 डाउनलोड करें

  • वेबसाइट www.tdscpc.gov.in/en/home.html पर जाएं।
  • अब ‘लॉगिन’ अनुभाग पर जाएं और ड्रॉपडाउन मेनू से ‘करदाता’ चुनें।
  • उपयोगकर्ता आईडी, पासवर्ड और पैन के साथ लॉग इन करें।
  • ‘टैक्स क्रेडिट देखें या सत्यापित करें’ अनुभाग पर जाएं।
  • प्रोविजनल टीडीएस प्रमाणपत्र 16/16A/27D का चयन करें।
  • एक पेज खुलेगा, यहां आपको नियोक्ता का टैन, वित्तीय वर्ष, तिमाही दर्ज करना होगा जिसके लिए अनुरोध किया गया है।
  • फॉर्म 16, 16ए, 27डी में से ‘प्रोविजनल सर्टिफिकेट टाइप’ पर क्लिक करके डाउनलोड किए जाने वाले फॉर्म का चयन करें।

ध्यान देने वाली बात यह है कि यहां 27D एक ऐसा फॉर्म है जो तीन महीने का ब्यौरा बताता है। इससे पता चलता है कि करदाता ने सरकार को टैक्स चुकाया है या नहीं।