घुटने का दर्द किस बीमारी का लक्षण है? विशेषज्ञ से जानें
अगर आपको अक्सर घुटनों में दर्द रहता है, तो इसे हल्के में न लें। यह सिर्फ़ थकान या बढ़ती उम्र का नतीजा नहीं है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी जुड़ा हो सकता है। घुटनों का दर्द युवाओं में भी आम है, खासकर उन लोगों में जो लंबे समय तक खड़े रहते हैं, ज़्यादा चलते हैं, या जिनका वज़न ज़्यादा है।
महिलाओं में हड्डियों की कमज़ोरी और हार्मोनल बदलावों के कारण यह समस्या ज़्यादा होती है। अगर दर्द लगातार बना रहे, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत जाँच करवाना बेहद ज़रूरी है, वरना स्थिति बिगड़ सकती है और चलना-फिरना मुश्किल हो सकता है।
घुटनों में लगातार दर्द के साथ अक्सर कई अन्य लक्षण भी होते हैं। घुटने में सूजन, अकड़न, सीढ़ियाँ चढ़ने-उतरने में कठिनाई, चलते समय घुटने में चटक-चटक की आवाज़ और दर्द के कारण नींद में खलल - ये सभी लक्षण किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकते हैं। कुछ लोगों को घुटने में जलन, गर्मी या लालिमा भी महसूस होती है, जो सूजन या संक्रमण का संकेत हो सकता है। इसलिए, घुटने के दर्द को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
घुटनों में बार-बार दर्द होना किस बीमारी का लक्षण है?
एम्स के हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. भावुक गर्ग बताते हैं कि घुटनों में बार-बार होने वाला दर्द कई बीमारियों से जुड़ा हो सकता है। इसका सबसे आम कारण ऑस्टियोआर्थराइटिस है, जिसमें हड्डियों के बीच की कार्टिलेज टूटने लगती है और दर्द होने लगता है। यह स्थिति उम्र बढ़ने के साथ ज़्यादा आम होती है, लेकिन आजकल जीवनशैली और मोटापे के कारण यह युवाओं में भी देखी जा रही है। रूमेटाइड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली हड्डियों और जोड़ों पर हमला करती है, जिससे सूजन और दर्द होता है।
कुछ मामलों में, गाउट भी इस स्थिति का कारण बनता है, जिसमें यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़ों में क्रिस्टल बन जाते हैं, जिससे गंभीर दर्द होता है। बार-बार होने वाला घुटने का दर्द हड्डियों में कैल्शियम की कमी, चोट लगने या अधिक वजन के कारण भी हो सकता है। अगर तुरंत इलाज न किया जाए, तो यह समस्या और बिगड़ सकती है और गतिशीलता को प्रभावित कर सकती है।
इसे कैसे रोकें?
- अपना वजन नियंत्रण में रखें और अधिक वजन होने से बचें।
- स्वस्थ, कैल्शियम युक्त आहार लें।
- प्रतिदिन व्यायाम करें या योगाभ्यास करें।
- बैठते, खड़े होते और चलते समय उचित मुद्रा अपनाएं।
- यदि आवश्यक हो तो घुटने के पैड या सपोर्ट का उपयोग करें।
- यदि दर्द बढ़ जाए तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लें।
--Advertisement--