वैश्विक जैव विविधता लक्ष्य हासिल करने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है भारत: कीर्तिवर्धन

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नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (हि.स.)l केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन तथा विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता शिखर सम्मेलन कॉप-16 को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक जैव विविधता लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में भारत उल्लेखनीय योगदान दे रहा है।

कोलंबिया के कैली शहर में संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता शिखर सम्मेलन कॉप-16 में भारत ने जैव विविधता के संरक्षण व संवर्धन के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम से दुनिया को अवगत कराया। विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत, जैव विविधता लक्ष्यों को अर्जित करने की राह पर अग्रसर है। सदियों से जैव विविधता भारत की धरोहर रही है। इसका संरक्षण और संवर्धन हमेशा ही लोकाचार और सभ्‍यता का अभिन्‍न हिस्‍सा रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के 17 मेगा-विविध समृद्ध देशों में से एक है, जिसमें विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त 36 जैव विविधता हॉटस्पॉट में से चार भारत में हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ ‘प्लांट फॉर मदर’ शुरू किया। यह हमारी जैव विविधता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है। यह भारत में एक जन आंदोलन बन गया है। “प्रकृति के साथ शांति” प्राचीन वैदिक युग से ही भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा रही है। यह थीम भारत के मिशन ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली (लाइफ)’ से मेल खाती है, जो पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली अपनाने के लिए भारत के नेतृत्व वाला वैश्विक जन आंदोलन है।

उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) की स्थापना कर वैश्विक वन्यजीव संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसका उद्देश्य दुनिया की सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों की प्रजातियों की रक्षा करना है, क्योंकि उनकी उपस्थिति एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र और समृद्ध जैव विविधता का संकेत है। “नमामि गंगे” मिशन के माध्यम से पवित्र नदी गंगा को पुनर्जीवित करने में भारत के प्रयासों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नदी पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए शीर्ष 10 विश्व बहाली फ्लैगशिप में से एक के रूप में मान्यता दी गई थी। 2014 के बाद से भारत की रामसर साइटें 26 से बढ़कर 85 हो गई हैं और यह संख्या जल्द ही 100 तक पहुंचने वाली है।

केंद्रीय राज्यमंत्री ने कोलंबिया के कैली स्थित वेले विश्वविद्यालय में “एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधारोपण भी किया।