सोमवार को लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त बहस देखने को मिली, जिसका केंद्र कांग्रेस सांसद राहुल गांधी रहे। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी के बयानों पर कड़ा विरोध जताते हुए उन पर निशाना साधा।
रिजिजू ने राहुल गांधी के एससी, एसटी और ओबीसी से जुड़े मुद्दों को उठाने पर सवाल किया और पलटवार करते हुए कहा, “क्या राहुल गांधी को देश के प्रधानमंत्री नहीं दिखते? नरेंद्र मोदी देश के सबसे बड़े ओबीसी चेहरे हैं और दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। क्या राहुल गांधी अंधे हैं?”
उन्होंने आगे कहा कि वह खुद एक अनुसूचित जनजाति से आते हैं और देश के संसदीय कार्य मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए पूछा, “क्या कांग्रेस ने कभी किसी आदिवासी या दलित को देश का कानून मंत्री बनाया? क्या उन्होंने किसी ओबीसी को प्रधानमंत्री बनने का अवसर दिया?”
राहुल गांधी के बयान पर विवाद क्यों?
राहुल गांधी ने लोकसभा में सरकार की आर्थिक नीतियों पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि यदि सही फैसले लिए गए होते, तो विदेश मंत्री एस. जयशंकर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण का निमंत्रण लाने अमेरिका नहीं जाना पड़ता। इस बयान पर सत्ता पक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई और सदन में हंगामा हुआ।
रिजिजू ने इसे भारत-अमेरिका संबंधों से जुड़ा संवेदनशील मामला बताते हुए राहुल गांधी से प्रमाण पेश करने को कहा।
चीन के मुद्दे पर भी गरमाई बहस
राहुल गांधी ने सरकार को चीन के मुद्दे पर भी घेरा और दावा किया कि भारतीय सेना ने प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि चीन ने भारतीय जमीन पर कब्जा नहीं किया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी से प्रमाण देने को कहा।
विपक्ष का हंगामा जारी
विपक्षी दलों ने प्रयागराज कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और सदन में नारेबाजी की। लोकसभा अध्यक्ष ने शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन विपक्षी सांसद अपनी मांगों पर अड़े रहे, जिससे सदन का माहौल तनावपूर्ण बना रहा।