केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई चादर लेकर दिल्ली स्थित निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पहुंचे. हर साल की तरह इस साल भी पीएम मोदी अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर भेज रहे हैं. ऐसे में गुरुवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को यह चादर सौंपी गई. आज वह इस विशेष चादर को निजामुद्दीन हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर ले गए। इसके बाद चादर को अजमेर दरगाह भेजा जाएगा।
यह परंपरा 1947 से चली आ रही है
सूफी फाउंडेशन के अध्यक्ष और अजमेर दरगाह के गद्दी नशीन हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने बताया कि देश के पीएम को चादर भेजने की परंपरा 1947 से चली आ रही है. यह लगातार 11वीं बार है जब प्रधानमंत्री अजमेर दरगाह पर चादर भेज रहे हैं।
इस बारे में किरण रिजिजू ने कहा कि हजरत निजामुद्दीन दरगाह आना हमारे लिए सौभाग्य की बात है. हम यहां अजमेर शरीफ के लिए चादर पेश कर रहे हैं जो आदरणीय पीएम मोदीजी की चादर है और इसे अजमेर शरीफ ले जा रहे हैं। कल हम वो चादर बिछा देंगे.
पीएम मोदी ने एक पत्र भेजा है
पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी लगातार दरगाह पर चादर भेज रहे हैं. उन्होंने गुरुवार को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर लोगों को बधाई दी और सभी के जीवन में सुख और शांति की प्रार्थना की। गौरतलब है कि पिछले साल उर्स 812 के मौके पर पीएम मोदी ने तत्कालीन अल्पसंख्यक मंत्री स्मृति ईरानी और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा प्रमुख जमाल सिद्दीकी को यह खास चादर सौंपी थी. इस बीच पीएम ने मुस्लिम समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की, जिसकी तस्वीर उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर शेयर की.
क्यों चढ़ाई जाती है चादर?
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के आते ही अजमेर दरगाह श्रद्धालुओं से भर गई है। 28 दिसंबर से चल रहे उर्स के मौके पर देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु दरगाह पहुंचते हैं और चादर चढ़ाकर अपनी मन्नतें पूरी करते हैं. यह पारंपरिक चादर दरगाह शरीफ में स्नेह और सम्मान का प्रतीक है और ख्वाजा नवाज शरीफ से आशीर्वाद पाने का एक साधन माना जाता है।