दिल्ली की भीषण गर्मी और कम पानी पीने के कारण शहर में 20-40 साल के लोगों में किडनी में पथरी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले एक महीने की बात करें तो युवाओं में किडनी स्टोन के मामलों में 30-40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसका कारण गर्मी और उससे होने वाली डिहाइड्रेशन की समस्या है। युवाओं में यह समस्या सबसे आम होने का कारण यह है कि वे कॉलेज और ऑफिस के लिए धूप में निकलते हैं, जिससे अत्यधिक पसीना आने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
कैसे निर्जलीकरण गुर्दे की पथरी का कारण बनता है
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार, पथरी निर्जलीकरण का एक सामान्य दुष्प्रभाव है। दरअसल जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो शरीर में मूत्रवर्धक की कमी हो जाती है। इससे खनिज एक साथ एकत्रित होने लगते हैं, जिससे गुर्दे की पथरी का निर्माण होता है।
कैसे पहचानें कि किडनी को पानी की जरूरत है
- कम पेशाब
- गहरी साँस लेना
- थक जाना
- कमजोरी
- बढ़ी हृदय की दर
- भ्रमित होने की
- पैरों में सूजन
- गुर्दे की पथरी के लक्षण
- पीठ या बाजू में लगातार तेज दर्द होना
- पेशाब में खून आना
- बुखार और ठंड लगने की समस्या रहेगी
- उल्टी करना
- पेशाब में तेज़ गंध आती है
- झागदार पेशाब होता है
- पेशाब करते समय जलन की समस्या
बचाव के उपाय
निर्जलीकरण के कारण होने वाली किडनी की समस्याओं को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका पर्याप्त पानी पीना है। साथ ही ऐसी मौसमी सब्जियां और फल भी खाएं. ऐसा करने से आप डिहाइड्रेशन और इससे होने वाली समस्याओं के खतरे को कम कर सकते हैं।