लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि संभल में स्थित हनुमान जी और शिव जी के मंदिर चार दशक से अधिक समय तक बंद रहे। इस अवधि में वहां एक भय का माहौल था और हिंदू समुदाय को पलायन के लिए मजबूर किया गया था। मंदिरों के फिर से खुलने के बाद स्थानीय लोग बेहद खुश हैं।
चार दशक तक बंद रहे मंदिर
उपमुख्यमंत्री मौर्य ने बताया कि संभल के इन मंदिरों को लंबे समय तक बंद रखा गया, जिससे लोगों में डर का माहौल व्याप्त था। उन्होंने कहा,
“भय और धमकी के चलते हिंदुओं को उनके धार्मिक स्थलों से दूर कर दिया गया और उन्हें अपने घरों से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा। लेकिन अब यह स्थिति बदल गई है।”
अतिक्रमण और धार्मिक स्थलों पर प्रतिबंध की होगी जांच
मौर्य ने स्पष्ट किया कि अगर उत्तर प्रदेश के किसी भी इलाके में धार्मिक स्थलों या सार्वजनिक स्थानों पर अवैध अतिक्रमण हुआ है या उन्हें बंद कर दिया गया है, तो उसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा,
“यह कोई विवाद का विषय नहीं है। अगर किसी ने जबरदस्ती कब्जा किया है या लोगों को वहां जाने से रोका जा रहा है, तो इस पर सख्त कार्रवाई होगी।”
भय और पलायन का दौर खत्म
अपने बयान में मौर्य ने यह भी कहा कि राज्य में भय और धमकी के बल पर कब्जा कर लेने और समुदाय विशेष को पलायन के लिए मजबूर करने का दौर अब समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा,
“अब यूपी में किसी को भी डर के बल पर धार्मिक स्थलों या उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता। यह समय न्याय और समानता का है।”
सामाजिक समरसता पर जोर
मौर्य ने कहा कि राज्य सरकार सभी धर्मों के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि धार्मिक सौहार्द और सामाजिक समरसता बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है।
“हमारी सरकार किसी भी धर्म के लोगों के साथ अन्याय नहीं होने देगी। सभी को अपने धार्मिक स्थलों पर जाने की पूरी स्वतंत्रता है।”