केरल विधानसभा चुनाव 2026: बीजेपी के बढ़ते प्रभाव से बदल सकता है सियासी समीकरण

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केरल विधानसभा चुनाव में एक वर्ष शेष है, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और वाम दलों की अगुवाई वाले एलडीएफ ने अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। दोनों गठबंधन जमीनी पकड़ मजबूत करने और रणनीति को अमलीजामा पहनाने में जुटे हैं। वहीं, केरल में धीरे-धीरे अपनी उपस्थिति मजबूत कर रही बीजेपी आगामी चुनाव में कांग्रेस और वाम दलों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकती है।

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केरल में सत्ता परिवर्तन का पैटर्न और लोकसभा चुनाव का प्रभाव

पिछले दस वर्षों से वाम मोर्चा (एलडीएफ) राज्य में सत्ता में है, लेकिन 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन (यूडीएफ) का प्रदर्शन बेहतर रहा। हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे विधानसभा चुनाव को प्रभावित करेंगे। उदाहरण के लिए, 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सफलता के बावजूद 2021 के विधानसभा चुनाव में एलडीएफ सरकार बनाने में सफल रहा था।

बीजेपी की रणनीति: नायर और मछुआरा समुदायों पर नजर

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, केरल में अब तक मुख्य रूप से एलडीएफ और यूडीएफ के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है, लेकिन बीजेपी अब धीरे-धीरे दोनों गठबंधनों के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगा रही है।

  • नायर और मछुआरा समुदाय पारंपरिक रूप से एलडीएफ का समर्थन करते रहे हैं, लेकिन बीजेपी इन्हें अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है।
  • त्रिशूर लोकसभा सीट पर बीजेपी की जीत बताती है कि वह हिंदू मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर चुकी है।

केरल में त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना

अब तक केरल में राजनीति दो ध्रुवीय रही है, लेकिन बीजेपी के बढ़ते प्रभाव से यह अब त्रिकोणीय मुकाबले में बदल सकती है। अगर बीजेपी सभी सीटों पर चुनाव लड़ती है, तो यह एलडीएफ और यूडीएफ दोनों के वोटों में सेंध लगा सकती है, जिससे चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।

बीजेपी के बढ़ते वोट शेयर से चुनावी गणित प्रभावित

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि अगर बीजेपी विधानसभा चुनाव में अपना मौजूदा प्रदर्शन बरकरार रखती है, तो यह यूडीएफ और एलडीएफ दोनों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।

  • लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी (एनडीए) को 19% वोट मिले, जबकि 2021 के विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 12% था।
  • यह वृद्धि दर्शाती है कि बीजेपी का वोट बैंक लगातार बढ़ रहा है और पार्टी चुनावी गणित को प्रभावित कर सकती है।

बीजेपी को हिंदू और ईसाई मतदाताओं का समर्थन?

  • बीजेपी हिंदू मतदाताओं का भरोसा जीतने में सफल हो रही है, जिसका प्रमाण त्रिशूर लोकसभा सीट की जीत और कई विधानसभा क्षेत्रों में अच्छे प्रदर्शन से मिलता है।
  • इसके अलावा, ईसाई मतदाताओं के बीच भी बीजेपी की स्वीकार्यता बढ़ रही है, जो केरल की राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकती है।