CAG रिपोर्ट: दिल्ली से जाने के बाद आम आदमी पार्टी के कामकाज में अनियमितताओं को दर्शाने वाली CAG रिपोर्ट आज विधानसभा में पेश की जानी है। उपराज्यपाल के अभिभाषण के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। हालांकि विपक्ष ने कैग रिपोर्ट का विरोध करते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। जिसके चलते स्पीकर ने आप के सभी 22 विधायकों को निलंबित कर दिया। केजरीवाल ने कैग रिपोर्ट के आधार पर सरकार बनाई, जिस पर दिल्ली के अतीत में चर्चा हुई थी। उस समय उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर भी तीखे हमले किए थे और उन्हें जेल भेजने की मांग की थी। लेकिन अब आज जारी होने वाली CAG रिपोर्ट से पता चला है कि वे स्वयं भ्रष्टाचार और अनियमितताओं में लिप्त हैं।
सरकार उसी आधार पर बनाई गई थी जिसके आधार पर उसे सत्ता गंवानी पड़ी।
दिल्ली में 2014-15 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी, तब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएजी के आधार पर सत्ता से बेदखल की गईं पूर्व सीएम शीला दीक्षित पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने यह भी मांग की कि उन्हें भ्रष्टाचार के लिए जेल भेजा जाए। अब 2025 में यही कैग रिपोर्ट आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुसीबत लेकर आई है।
आप सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप
कैग रिपोर्ट में आप सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास और मोहल्ला क्लीनिकों के नवीनीकरण में कथित अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा अन्य विकास कार्यों में भी गबन होने की बात सामने आई है। रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली की भाजपा सरकार आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर हमला बोल रही है।
केजरीवाल ने CAG की मदद ली।
2013-14 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद अरविंद केजरीवाल ने सीएजी रिपोर्ट के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सरकार पर 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। स्ट्रीट लाइटिंग प्रोजेक्ट में 90 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। दिल्ली की एसीबी को शीला दीक्षित के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया गया।
सीएजी रिपोर्ट को 370 पृष्ठों का साक्ष्य बताया गया
2013 से 2015 तक दिल्ली चुनावों के दौरान अरविंद केजरीवाल ने सीएजी रिपोर्ट को 370 पन्नों का सबूत बताया था और दावा किया था कि इस रिपोर्ट ने शीला दीक्षित सरकार की विफलताओं और भ्रष्टाचार को उजागर किया है। 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में अनियमितताओं के साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए एक रिपोर्ट तैयार की गई है।
टैंकर घोटाला
अरविंद केजरीवाल ने 2015 में अपने शासनकाल के दौरान शीला दीक्षित सरकार के तहत 2012 में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा 385 स्टेनलेस स्टील के पानी के टैंकरों को पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक समिति गठित की थी।
3000 करोड़ का घोटाला
जुलाई 2014 में आम आदमी पार्टी ने 3,000 करोड़ रुपये के अनधिकृत कॉलोनी घोटाले में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।