अक्सर देखा जाता है कि परीक्षा के दिनों में माता-पिता बच्चों पर ज्यादा पढ़ाई का दबाव डालने लगते हैं। लेकिन यह तरीका उनके स्वभाव को गुस्सैल और चिड़चिड़ा बना सकता है, जिससे वे पढ़ाई से दूर भागने लगते हैं। परीक्षा हो या न हो, पेरेंट्स को पढ़ाई के लिए जरूरत से ज्यादा दबाव बनाने के बजाय एक बेहतर स्टडी रूटीन तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए। एक ऐसा रूटीन, जो पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद और मानसिक विकास को भी महत्व दे। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में संतुलन बनाए रखे, तो स्टडी रूटीन बनाते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
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1. टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल करें
अक्सर माता-पिता बच्चों के हाथ में मोबाइल देखकर नाराज हो जाते हैं। लेकिन टेक्नोलॉजी को सही तरीके से इस्तेमाल करना सिखाने से बच्चे का पढ़ाई में रुचि बढ़ सकती है। उन्हें ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म, वीडियो लेक्चर्स, और शैक्षिक ऐप्स का सही उपयोग करना सिखाएं, जिससे वे गणित, विज्ञान और अन्य विषयों को आसानी से समझ सकें।
2. नियमित ब्रेक देना है जरूरी
लगातार घंटों तक पढ़ाई करने से बच्चे ऊब सकते हैं, जिससे उनकी प्रोडक्टिविटी प्रभावित होती है। पढ़ाई में ध्यान बनाए रखने के लिए उन्हें हर 45-60 मिनट में 10-15 मिनट का ब्रेक लेने दें। इस दौरान वे टहल सकते हैं, कुछ हल्के-फुल्के खेल खेल सकते हैं या म्यूजिक सुन सकते हैं, जिससे वे तरोताजा महसूस करेंगे।
3. पढ़ाई को बनाएं मजेदार
अगर पढ़ाई रोचक नहीं होगी, तो बच्चे जल्दी ऊब जाएंगे। उन्हें पढ़ाई में रुचि बनाए रखने के लिए फ्लैश कार्ड, एजुकेशनल वीडियो, ऑडियो बुक्स, पॉडकास्ट और क्विज़ जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करें। इससे वे कठिन विषयों को भी आसानी से और दिलचस्प तरीके से समझ पाएंगे।
4. फिजिकल एक्टिविटी को दें महत्व
बच्चों के मानसिक विकास के साथ-साथ शारीरिक गतिविधियां भी जरूरी होती हैं। पढ़ाई के साथ खेल-कूद, योग और एक्सरसाइज को स्टडी रूटीन में शामिल करें। इससे न केवल उनका दिमाग फ्रेश रहेगा, बल्कि एकाग्रता भी बढ़ेगी, जिससे वे बेहतर तरीके से पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।