खूंटी, 18 अक्टूबर (हि.स.)। कर्रा प्रखंड का प्राचीन ऐतिहासिक सोनमेर मेला शुक्रवार को सम्पन्न हो गया। मौके पर सोनमेर मंदिर में पारंपरिक ढंग से माता दुर्गा की पूजा-अर्चना की गई और एक भैंसा और सैकड़ों बकरे की बलि दी गई। गांव के पाहनों ने मु।डारी भाषा में मंत्रोच्चार के साथ सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराये।
मेला में आये महुआ बैंड के कलाकारों ने अपने गीत-संगीत से लोगों को झूमने पर विवश कर दिया। ज्ञात हो कि हर वर्ष आश्विन पूर्णिमा से दो दिवसीय मेला का आयोजन सैकड़ों वर्षों से किया जा रहा है। इसके पूर्व गुरुवार रात को फाडू नाच ( चतरा नाच) के साथ मेला का शुभारंभ किया गया, जिसमें 22 पड़हा की खोड़हा मंडली के लोग अपने नृत्य समूह के साथ पराम्परागत वेशभूषा में सोनमेर टोंगरी पहुंचे, जहां रात भर परम्परागत लोक नृत्य का प्रदर्शन किया गया।
शुक्रवार सुबह को प्राचीन प्रसिद्ध देवी मंदिर विकास समिति सोनमेर द्वारा खोड़हा मंडलियों को दिशुम पडह़ा संयोजक महादेव मुंडा द्वारा देकर सम्मानित किया गया। मेला में रंगारंग आधुनिक, नागपुरी आरकेस्ट्रा का शुभारंभ कर्रा के थाना प्रभारी मनीष कुमार द्वारा किया गया। मेला में रंग-बिरंगी मिठाई, आइसक्रीम, गोलगप्पे, के साथ ही झूला आदि का लुत्फ लिया। मौके पर मिठाई और गन्ने और खिलौने की दुकानों में लेागों ने जमकर खरीदारी की। मिेला को सफल बनाने में प्राचीन सोनमेर मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष जगरनाथ प्रधान, उपाध्यक्ष एतवा मुंडा, सचिव सुनील हेरेंज ,कोषाध्यक्ष बसंत हेरेंज, मंत्री पण्डा मुंडा, महामंत्री लक्ष्मण धल, पूजा प्रभारी भारत शिखर, रूपनाथ प्रधान, लादू पहन, भिखू बड़ाईक, प्रकाश धल, शंकर धल, किशोर बड़ाईक, जुनूल होरो, जय मसीह हेरेंज सहित 22 पड़हा के लोगों ने योगदान दिया।