Karnataka Irrigation Scheme : सूखे इलाकों के लिए संजीवनी बनी योजना, सीएम सिद्धारमैया ने दी दूसरे चरण की सौगात

Post

News India Live, Digital Desk:  Karnataka Irrigation scheme :कर्नाटक के उन इलाकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, जो सालों से पानी की कमी से जूझ रहे थे. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बहुप्रतीक्षित केसी वैली प्रोजेक्ट (KC Valley Project) के दूसरे चरण का उद्घाटन कर दिया है, जिससे कोलार और चिक्कबल्लापुर जैसे सूखे क्षेत्रों में उम्मीद की एक नई लहर दौड़ गई है. यह कोई आम सिंचाई परियोजना नहीं है, बल्कि बेंगलुरु शहर से निकलने वाले गंदे पानी को साफ करके सूखी झीलों और तालाबों को भरने की एक अनोखी और सफल योजना है.

कैसे काम करती है यह योजना?

यह योजना एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे एक बड़ी समस्या को एक बड़े अवसर में बदला जा सकता है. बेंगलुरु जैसा बड़ा शहर हर दिन भारी मात्रा में गंदा पानी (wastewater) पैदा करता है. इस प्रोजेक्ट के तहत, उस पानी को आधुनिक प्लांट में अच्छी तरह से साफ किया जाता है और फिर पाइपलाइनों के जरिए उसे कोलार, चिक्कबल्लापुर और बेंगलुरु ग्रामीण के उन सैकड़ों तालाबों और झीलों में छोड़ा जाता है, जो दशकों से सूखे पड़े थे.

पहले चरण की सफलता ने जगाई उम्मीद

इस योजना का पहला चरण काफी सफल रहा था. जिन इलाकों में कभी पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया था, वहां इन सूखी झीलों के भरने से आस-पास के बोरवेल और कुओं का जलस्तर भी धीरे-धीरे ऊपर आने लगा. सूखी धरती फिर से हरी-भरी होने लगी और किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई. इसी सफलता को देखते हुए सरकार ने अब इसके दूसरे चरण की शुरुआत की है, जिसके तहत और भी ज्यादा तालाबों को भरा जाएगा और इसका फायदा ज्यादा बड़े इलाके को मिलेगा.

यह प्रोजेक्ट सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे इकोसिस्टम के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहा है. यह दिखाता है कि अगर सही सोच और तकनीक का इस्तेमाल किया जाए, तो शहरीकरण से जुड़ी समस्याओं का समाधान करते हुए ग्रामीण इलाकों की जरूरतों को भी पूरा किया जा सकता है. यह योजना पानी बचाने और दोबारा इस्तेमाल करने की एक शानदार मिसाल है, जिससे दूसरे राज्य भी सीख ले सकते हैं.

--Advertisement--