टीवी और बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस उपासना सिंह, जिन्हें ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ में कपिल शर्मा की बुआ के किरदार के लिए जाना जाता है, कास्टिंग काउच का शिकार होते-होते बची थीं।
फैंस को तो पता है कि उपासना ने टीवी से लेकर बॉलीवुड और पंजाबी सिनेमा तक अपनी दमदार एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में उनके सफर में एक ऐसा भी दौर आया था, जब उन्हें गलत इरादों वाले लोगों का सामना करना पड़ा।
साउथ के डायरेक्टर ने किया था अनुचित प्रस्ताव – उपासना का बड़ा खुलासा
बॉलीवुड बबल को दिए एक इंटरव्यू में उपासना सिंह ने अपने कास्टिंग काउच के अनुभव को शेयर किया।
उन्होंने बताया:
“साउथ के एक डायरेक्टर ने मुझे अनिल कपूर के अपोजिट एक फिल्म में साइन किया था। मैं हमेशा किसी डायरेक्टर से मिलने जाती थी तो अपनी मां या बहन को साथ लेकर जाती थी। एक दिन उस डायरेक्टर ने मुझसे पूछ लिया – ‘तुम हमेशा किसी को साथ क्यों लाती हो?'”
इसके बाद डायरेक्टर ने रात 11:30 बजे होटल की लॉबी में बुलाया।
उपासना ने कहा:
“मैंने जवाब दिया – ‘आज नहीं, मैं कल सुबह स्टोरी सुनूंगी। मेरे पास वहां आने के लिए कार नहीं है।'”
इस पर डायरेक्टर ने चौंकाने वाला जवाब दिया:
“तुम सीटिंग का मतलब नहीं जानती क्या?”
“मेरा सरदारनी वाला दिमाग सटक गया” – उपासना सिंह
इस बात पर उपासना सिंह को गुस्सा आ गया और उन्होंने अगले दिन तीन-चार लोगों के साथ उस डायरेक्टर के ऑफिस में धावा बोल दिया।
उन्होंने बताया:
“वह किसी मीटिंग में था, लेकिन मैंने बिना सोचे-समझे सीधे उसके केबिन में घुसकर उसे पंजाबी में पांच मिनट तक खूब गालियां दीं।”
इसके बाद उपासना को अचानक एहसास हुआ कि उन्होंने सबको पहले ही बता दिया था कि वह अनिल कपूर के साथ फिल्म कर रही हैं। अब अगर यह बात बाहर आएगी, तो उनका करियर खतरे में पड़ सकता है।
“मैंने सोचा कि जब लोग यह जानेंगे कि मेरे साथ यह सब हुआ, तो मेरी क्या इज्जत रह जाएगी?”
इस सदमे में उपासना रोते-रोते फुटपाथ पर चलने लगीं।
“सात दिन तक कमरे में बंद रही, सिर्फ रोती थी”
इस घटना ने उपासना को अंदर तक झकझोर दिया। उन्होंने कहा:
“उस घटना के बाद मैंने सात दिनों तक अपने कमरे का दरवाजा नहीं खोला। बस रोती रही और यही सोचती रही कि लोगों से क्या कहूंगी?”
उन दिनों उपासना की मां ने उनका पूरा साथ दिया। उनकी मां के समर्थन ने उन्हें हिम्मत दी और उन्होंने ठान लिया कि इस तरह के लोगों की वजह से वे फिल्म इंडस्ट्री नहीं छोड़ेंगी।
“उन सात दिनों ने मुझे बहुत मजबूत बना दिया। मैंने फैसला किया कि मैं डरूंगी नहीं, बल्कि लड़ूंगी।”