Kali Puja 2025: इस शुभ अवसर पर मां काली को चढ़ाएं उनके प्रिय भोग, पाएं जीवन के हर डर और संकट से मुक्ति
News India Live, Digital Desk: दिवाली के ठीक बाद, कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी को मां काली की पूजा का महापर्व मनाया जाता है. यह दिन विशेष रूप से बंगाल और पूरे पूर्वी भारत में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है. मां काली का स्वरूप जितना रौद्र है, वे उतनी ही ममतामयी और अपने भक्तों को हर भय व संकट से बचाने वाली देवी हैं. अगर आप जीवन में किसी भी प्रकार के डर, परेशानियों या दुख से जूझ रहे हैं, तो इस काली पूजा पर सच्चे मन से मां को उनका प्रिय भोग अर्पित करके आप इन सबसे छुटकारा पा सकते हैं. इस काली पूजा 2025 को जीवन के अंधकार को दूर करने का एक सुनहरा अवसर मानें.
अक्सर लोग सोचते हैं कि मां काली तो विनाशक रूप वाली देवी हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि वह बुराई और नकारात्मकता का विनाश करती हैं ताकि शुभ और सकारात्मकता स्थापित हो सके. इसीलिए मां की पूजा का उद्देश्य ही होता है कि जीवन से अंधकार दूर हो और शांति व खुशहाली आए. मां काली को प्रसन्न करने के लिए उनकी आराधना में कुछ खास चीजें अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है, जिन्हें 'प्रिय भोग' कहा जाता है. इन काली माता प्रिय भोग से न सिर्फ मां प्रसन्न होती हैं, बल्कि भक्तों के मन को भी शांति मिलती है और उनकी हर मनोकामना पूरी होती है.
मां काली के प्रिय भोग जो दिला सकते हैं डर और संकट से मुक्ति:
- खीर और मिठाई: मां काली को दूध से बनी चीजें बहुत पसंद हैं, खासकर खीर. इसमें गुड़ या शक्कर मिलाकर अर्पित करना शुभ होता है. इसके अलावा विभिन्न प्रकार की पारंपरिक मिठाइयाँ भी उन्हें अर्पित की जा सकती हैं. ये भोग जीवन में मधुरता और सुख लाने का प्रतीक हैं.
- मालपुआ: घी में तले मालपुए भी मां काली को विशेष रूप से प्रिय होते हैं. इसे गुड़ या चाशनी में भिगोकर चढ़ाया जाता है. मालपुआ के साथ प्रसाद में मेवे और इलायची डालने से मां बहुत प्रसन्न होती हैं.
- लाल फूल और नारियल: भले ही ये खाने की चीजें नहीं हैं, लेकिन मां काली को लाल रंग के गुड़हल (hibiscus) के फूल बेहद प्रिय हैं. फूलों के साथ पूरा साबुत नारियल अर्पित करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है. ये भक्त के निस्वार्थ प्रेम और समर्पण का प्रतीक हैं.
- लड्डू: विशेषकर बेसन या गुड़ से बने लड्डू मां को भोग लगाए जाते हैं. ये सात्विक प्रसाद हैं जो शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माने जाते हैं.
- साग-सब्जी और फल: कई जगहों पर मां को सात्विक सब्जियां, विशेषकर हरे पत्तों वाली साग और मौसमी फल भी चढ़ाए जाते हैं. इन्हें भक्तिभाव से अर्पित करने से मां अपने भक्तों के स्वास्थ्य और सुख का वरदान देती हैं.
कैसे अर्पित करें भोग?
भोग हमेशा शुद्ध मन और साफ-सफाई के साथ बनाना चाहिए. स्नान करने के बाद, साफ कपड़े पहनकर पूरी श्रद्धा के साथ भोग बनाएं. पूजा के दौरान मां को भोग लगाने के बाद उसे परिवार के सभी सदस्यों और पड़ोसियों में बांटना चाहिए. इससे प्रसाद का महत्व और बढ़ जाता है और सभी पर मां की कृपा बरसती है. इस काली पूजा पर पूरी भक्ति और विश्वास के साथ मां की आराधना करें और अपने जीवन को डर और मुसीबतों से मुक्त करें. काली माता को प्रिय भोग चढ़ाकर आप भी इस बार अनुभव करें एक अद्भुत शांति.
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