Kajri Teej : कजरी तीज व्रत में भूलकर भी न करें ये गलतियां व्रत भंग हो सकता है
- by Archana
- 2025-08-11 12:01:00
Newsindia live,Digital Desk: Kajri Teej : कजरी तीज का पर्व महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं यह व्रत बहुत कठिन होता है और इसके कुछ विशेष नियम कायदे भी होते हैं जिनका पालन करना अति आवश्यक है व्रत के दौरान कुछ ऐसी गलतियां हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए नहीं तो व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है आइए जानते हैं कजरी तीज व्रत के दौरान किन गलतियों से बचना चाहिए
सबसे पहले इस दिन किसी भी तरह के मांसाहारी भोजन और प्याज लहसुन जैसे तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए व्रत के दौरान पवित्रता बनाए रखना बहुत जरूरी है सात्विक आहार ही लेना चाहिए
इसके अलावा कजरी तीज के व्रत में नींबू संतरा बेर जैसे खट्टे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए ऐसी मान्यता है कि इन फलों के सेवन से व्रत का नियम टूट सकता है अगर फल खाना ही है तो मीठे फलों का ही सेवन करें
कजरी तीज के दिन सफेद या काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए ये रंग अशुभ माने जाते हैं शुभ रंगों जैसे लाल पीला या हरा रंग ही पहनना चाहिए यह रंग सौभाग्य और सुहाग के प्रतीक होते हैं
इस दिन नई हरी चूड़ियां या अन्य सुहाग सामग्री अवश्य पहननी चाहिए और उन्हें तोड़ना नहीं चाहिए सुहाग के प्रतीक चूड़ियों को टूटने देना अशुभ माना जाता है इससे अखंड सौभाग्य में कमी आती है
व्रत के दौरान झूठ बोलने गुस्सा करने या किसी को अपशब्द बोलने से बचना चाहिए मन को शुद्ध और शांत रखना चाहिए कहा जाता है कि इन गलतियों से व्रत भंग हो जाता है
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि कजरी तीज के व्रत में सूर्य देव की पूजा नहीं की जाती है यह व्रत चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही पूरा होता है इसलिए चंद्रमा के निकलने तक प्रतीक्षा करनी चाहिए और उन्हें देखे बिना व्रत नहीं तोड़ना चाहिए
किसी भी स्थिति में व्रत को बीच में नहीं तोड़ना चाहिए यदि स्वास्थ्य ठीक नहीं है या कोई अन्य बड़ी समस्या है तो व्रत करना ही नहीं चाहिए एक बार शुरू करने के बाद व्रत को पूर्ण विधि विधान से संपन्न करना चाहिए
इन सभी नियमों का पालन करने से कजरी तीज का व्रत सफल होता है और पति पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है माँ पार्वती और भगवान शिव की कृपा से घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है यह व्रत सौभाग्य की प्राप्ति के लिए भी किया जाता है जिसका बहुत फल होता है
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